जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी के साथ सरकार बनाई है, जिसका रुख़ धारा 370 पर बीजेपी के बिलकुल उलट है, लेकिन नागपुर में चल रही अहम बैठक में आरएसएस ने साफ़ कर दिया है कि वह धारा 370 के मुद्दे पर अपना रुख़ नहीं बदलेगी, लेकिन फिलहाल वह इस मामले को बीजेपी की तरह ही ठंडे बस्ते में रखे रहने की बात कर रही है।
संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने संघ के शीर्ष निकाय की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन कहा, अनुच्छेद 370 पर संघ का रुख बदला नहीं है, हम इस मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेंगे। हम स्थिति सुधारना चाहते हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो हम निर्णय लेंगे। जम्मू कश्मीर में पहली बार सरकार में शामिल भाजपा के पीडीपी के साथ गठबंधन में कुछ ही समय में मुश्किलें सामने आने के संबंध में होसाबले ने कहा कि हालांकि संघ इन घटनाओं से ‘‘खुश नहीं है’’ लेकिन ये ‘‘शुरुआती समस्याएं’’ हैं।
सवाल यह भी है कि अपनी-अपनी राजनैतिक महात्वकांक्षाओं के चलते हुए ये गठबंधन क्या पांच साल पाएगा? ये सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि बीजेपी ने भले ही सरकार बनाने के चलते धारा 370 का मुद्दा किनारे कर दिया हो, लेकिन आरएसएस इस मुद्दे पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है।
लेकिन क्या इस मुद्दे पर बीजेपी अपनी ही गठबंधन सरकार का भविष्य ख़तरे में डालेगी? मौजूदा सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में साफ़ लिखा है कि कश्मीर के स्पेशल स्टेटस पर दोनों पार्टियों की राय अलग-अलग है इसलिए फिलहाल मुद्दा ठंडे बस्ते में रहेगा।
आरएसएस भले ही धारा 370 के मुद्दे पर अपना सख्त रुख बरकरार रखने की बात कर रहा हो लेकिन वह ये भी चाहता है कि बीजेपी में कश्मीर में इस सरकार को कायम रखे क्योंकि ये एक नए तरीके का प्रयोग है।
नागपुर में चल रही अहम बैठक में आरएसएस ने साफ़ कर दिया है कि धारा 370 पर वह अपने पुराने स्टैंड पर ही कायम है, लेकिन हालात को देखते हुए आरएसएस अभी वेट एंड वाच की बात कह रहा है।
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