नई दिल्ली:
पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने शनिवार को कहा कि हुर्रियत नेताओं के बारे में पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है, क्योंकि वे कश्मीरियों की आवाज की नुमाइंदगी करते हैं और उन्होंने आशा जताई कि अड़चनों के बावजूद वार्ता प्रक्रिया नहीं रुकेगी।
यह टिप्पणी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की इस घोषणा के एक दिन बाद आई है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के विदेश सचिव नव घोषित व्यापक द्विपक्षीय वार्ता के ब्योरे पर काम करने के लिए अगले महीने बैठक करेंगे। यह बैठक दिल्ली में होने की उम्मीद है।
बासित ने 'एजेंडा आज तक' कार्यक्रम में कहा, 'हुर्रियत कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं की नुमाइंदगी करता है। जहां तक हमारी बात है उनके खिलाफ हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।' दरअसल, उनसे यह पूछा गया था कि यहां भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होने पर क्या हुर्रियत नेताओं को रात्रि भोज के लिए बुलाया जाएगा।
गौरतलब है कि कश्मीरी अलगाववादियों से विमर्श करने से नाराज भारत ने पिछले साल अगस्त में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच वार्ता रद्द कर दी थी। बासित ने वार्ता प्रक्रिया के बहाल होने को द्विपक्षीय संबंधों में एक नया चरण बताते हुए कहा कि भारत-पाक संबंधों में नकारात्मकता को हटाने के लिए अवश्य ही कोशिश होनी चाहिए और देानों पक्षों को एक-दूसरे की उम्मीदों और चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर एक मुख्य मुद्दा है और कश्मीर के लोगों की आकांक्षा के मुताबिक एक हल निकालना होगा। 'दोनों मुल्कों के लिए यह वक्त परिपक्व राष्ट्रों के रूप में बर्ताव करने का है।'
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों द्वारा भारतीय सरजमीं पर हमला किए जाने की सूरत में क्या वार्ता पटरी से उतर सकती है, बासित ने कहा कि वार्ता को किसी भी बाधा को पार करते हुए आगे बढ़ाना चाहिए जैसा कि शांति प्रक्रिया बहाल करने के लिए फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा, 'हमने इस उम्मीद के साथ संयुक्त बयान जारी किया कि वार्ता को आगे बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान और भारत में भी ऐसी ताकतें हैं जो वार्ता नहीं चाहती हैं।' उन्होंने मुंबई हमले को बहुत जटिल बताते हुए कहा कि पाकिस्तान इसके मुकदमे को तेज करने के लिए यथाशीघ्र अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करेगा।
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम को भारत को नहीं सौंप रहा, बासित ने कहा कि वह पाकिस्तान में नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि भारत को लगता है कि वह पाक में है तो उसे सबूत देना चाहिए।
यह टिप्पणी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की इस घोषणा के एक दिन बाद आई है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के विदेश सचिव नव घोषित व्यापक द्विपक्षीय वार्ता के ब्योरे पर काम करने के लिए अगले महीने बैठक करेंगे। यह बैठक दिल्ली में होने की उम्मीद है।
बासित ने 'एजेंडा आज तक' कार्यक्रम में कहा, 'हुर्रियत कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं की नुमाइंदगी करता है। जहां तक हमारी बात है उनके खिलाफ हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।' दरअसल, उनसे यह पूछा गया था कि यहां भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होने पर क्या हुर्रियत नेताओं को रात्रि भोज के लिए बुलाया जाएगा।
गौरतलब है कि कश्मीरी अलगाववादियों से विमर्श करने से नाराज भारत ने पिछले साल अगस्त में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच वार्ता रद्द कर दी थी। बासित ने वार्ता प्रक्रिया के बहाल होने को द्विपक्षीय संबंधों में एक नया चरण बताते हुए कहा कि भारत-पाक संबंधों में नकारात्मकता को हटाने के लिए अवश्य ही कोशिश होनी चाहिए और देानों पक्षों को एक-दूसरे की उम्मीदों और चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर एक मुख्य मुद्दा है और कश्मीर के लोगों की आकांक्षा के मुताबिक एक हल निकालना होगा। 'दोनों मुल्कों के लिए यह वक्त परिपक्व राष्ट्रों के रूप में बर्ताव करने का है।'
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों द्वारा भारतीय सरजमीं पर हमला किए जाने की सूरत में क्या वार्ता पटरी से उतर सकती है, बासित ने कहा कि वार्ता को किसी भी बाधा को पार करते हुए आगे बढ़ाना चाहिए जैसा कि शांति प्रक्रिया बहाल करने के लिए फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा, 'हमने इस उम्मीद के साथ संयुक्त बयान जारी किया कि वार्ता को आगे बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान और भारत में भी ऐसी ताकतें हैं जो वार्ता नहीं चाहती हैं।' उन्होंने मुंबई हमले को बहुत जटिल बताते हुए कहा कि पाकिस्तान इसके मुकदमे को तेज करने के लिए यथाशीघ्र अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करेगा।
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम को भारत को नहीं सौंप रहा, बासित ने कहा कि वह पाकिस्तान में नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि भारत को लगता है कि वह पाक में है तो उसे सबूत देना चाहिए।
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