विज्ञापन
This Article is From Nov 16, 2015

नीतीश कटारा हत्या : दोषियों को फांसी देने की दिल्ली सरकार की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में खारिज

नीतीश कटारा हत्या : दोषियों को फांसी देने की दिल्ली सरकार की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में खारिज
नीतीश कटारा (फाइल चित्र)
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में नीतीश कटारा की हत्या के दोषी विकास यादव और सुखदेव पहलवान की सजा पर सुनवाई की गई। उच्चतम न्यायालय ने नीतीश कटारा की हत्या के मामले में दोषियों को फांसी देने की दिल्ली सरकार की अर्जी खारिज कर दी है।

यह भी पढ़ें - नीतीश कटारा हत्याकांड की पूरी कहानी

कोर्ट ने कहा कि क्योंकि यह ऑनर किलिंग का मामला नहीं है, इसलिए उम्रकैद और 30 साल के बीच की सज़ा पर विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने विकास और विशाल को दोषी मानते हुए हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगायी थी लेकिन दोनों को कितनी सजा दी जानी चाहिए इसपर अब जनवरी में सुनवाई होगी।

'नहीं लगता ऑनर किलिंग का मामला है'

इससे पहले 9 अक्टुबर को नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद डीपी यादव के बेटे विकास यादव और भांजे विशाल यादव को मौत की सजा देने से इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला केवल हत्या का है न कि जघन्यतम अपराध का। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि इस मामले में ताउम्र जेल में रखने की भी सजा नहीं दी जा सकती। 

मामले में नीतीश की मां नीलम कटारा ने सुप्रीम कोर्ट से सजा बढ़ाने की मांग की थी। नीलम कटारा की तरफ से पेश वरिष्‍ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि ये पूर्वनियोजित हत्या थी, दोनों ही पढ़े-लिखे थे। साथ ही आरोपी भी अपने अपराध को अच्छी तरह से जानते थे। पहले नीतीश का अपहरण किया गया, उसके बाद हथौड़ा मारकर उसकी हत्या की और फिर जला दिया गया, इसलिए ये जघन्यतम अपराध था।


साल्वे की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसा नहीं लगता कि इस मामले में ऑनर किलिंग की गई थी। विशाल की बहन भारती यादव अपनी बहन की शादी का कार्ड भी नीतीश के घर देने गयी थी, जिसका मतलब दोनों परिवार एक दूसरे को जानते थे। कोर्ट ने ये भी कहा कि 'हत्या का कारण शादी के दौरान दोनों का साथ में नाचना और इससे दोनों भाईयों का हत्या का षडयंत्र रचना था, लेकिन ये हत्या जघन्यतम अपराध नहीं था।'

कोर्ट ने मौत की सजा से इंकार करने के साथ ही ये भी कहा था कि 'हत्या के समय दोनों भाई बहुत जवान थे, इसलिए ताउम्र की भी सजा नहीं दी जा सकती।' दिल्ली हाईकोर्ट ने विकास और विशाल यादव को 30 साल की कैद की सजा सुनाई है। दोनों ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com