
बिहार में सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई डीएनए वाली टिप्पणी पर नीतीश कुमार के खुला पत्र लिखने के बाद भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री राज्य की पहचान के साथ अपने ‘अति अहंकार’ को जोड़ रहे हैं।
भाजपा ने संसद की कार्यवाही बाधित होने को लेकर कांग्रेस पर भी हमला तेज करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी लोगों तक गलत संदेश भेज रही है और उसने कांग्रेस से कहा कि वह ‘आत्ममंथन करें और लोगों की भावनाओं पर विचार करें’ क्योंकि लोग सांसदों से जीएसटी जैसे सुधार समर्थक कानूनों को पारित कराने की उम्मीद करते हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा और सवाल किया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने 2010 में मोदी को रात्रिभोज से मना करके और गुजरात सरकार की ओर से दी गई राहत सामाग्री एवं पांच करोड़ रुपये की मदद लौटाकर कौन सी बिहारी पहचान दिखाई थी।
नीतीश ने मोदी की डीएनए वाली टिप्पणी को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे बिहार में बड़ी संख्या में लोगों का अपमान हुआ और प्रधानमंत्री को इसे वापस लेना चाहिए।
बीते 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर की रैली में मोदी ने कहा था, ‘‘नीतीश ने न सिर्फ मेरा अपमान किया, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जैसे महादलित का भी अपमान किया। उनके डीएनए में ही कुछ खराबी है क्योंकि लोकतंत्र का डीएनए इस तरह नहीं होता। लोकतंत्र में आप अपने राजनीतिक विरोधियों का भी सम्मान करते हैं।’’ प्रसाद ने कहा कि यह नीतीश के अहंकार की पराकाष्ठा है कि वह बिहार के सम्मान को अपने से जोड़ रहे हैं।
भाजपा ने संसद की कार्यवाही बाधित होने को लेकर कांग्रेस पर भी हमला तेज करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी लोगों तक गलत संदेश भेज रही है और उसने कांग्रेस से कहा कि वह ‘आत्ममंथन करें और लोगों की भावनाओं पर विचार करें’ क्योंकि लोग सांसदों से जीएसटी जैसे सुधार समर्थक कानूनों को पारित कराने की उम्मीद करते हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा और सवाल किया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने 2010 में मोदी को रात्रिभोज से मना करके और गुजरात सरकार की ओर से दी गई राहत सामाग्री एवं पांच करोड़ रुपये की मदद लौटाकर कौन सी बिहारी पहचान दिखाई थी।
नीतीश ने मोदी की डीएनए वाली टिप्पणी को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे बिहार में बड़ी संख्या में लोगों का अपमान हुआ और प्रधानमंत्री को इसे वापस लेना चाहिए।
बीते 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर की रैली में मोदी ने कहा था, ‘‘नीतीश ने न सिर्फ मेरा अपमान किया, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जैसे महादलित का भी अपमान किया। उनके डीएनए में ही कुछ खराबी है क्योंकि लोकतंत्र का डीएनए इस तरह नहीं होता। लोकतंत्र में आप अपने राजनीतिक विरोधियों का भी सम्मान करते हैं।’’ प्रसाद ने कहा कि यह नीतीश के अहंकार की पराकाष्ठा है कि वह बिहार के सम्मान को अपने से जोड़ रहे हैं।
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