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This Article is From Apr 17, 2017

मुंबई तट पर बुर्ज खलीफा से भी बड़ी इमारत बनाना चाहते हैं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी

मुंबई तट पर बुर्ज खलीफा से भी बड़ी इमारत बनाना चाहते हैं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मुंबई तट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटक स्थल विकसित करना चाहते हैं
मुंबई: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी देश आर्थिक राजधानी मुंबई में पूरब बंदरगाह इलाके की तरफ बंजर जमीन पर पर्यटन के नजरिए से मनोरम तट विकसित करना चाहते हैं. उनकी योजना साकार हुई तो वहां दुबई के 163 मंजिला बुर्ज खलीफा से बड़ी एक इमारत होगी तथा मुंबई के मरीन ड्राइव से बड़ा रहा भरा विशाल मुख्य मार्ग होगा.

गडकरी का मानना है कि मुंबई पोर्ट ट्रस्ट शहर का सबसे बड़ा भू स्वामी है. मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की बेकार पड़ी औद्योगिक जमीन के जरिये गडकरी अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाना चाहते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुंबई में हम सबसे बड़े भू मालिक हैं. प्रसिद्ध ताज होटल, द बैलार्ड एस्टेट, रिलायंस की बिल्डिंग, हम उसके स्वामी हैं. हमारी इस बड़ी जमीन का बंदरगाह के साथ विकास करने की योजना है.

उन्होंने कहा कि योजना तैयार है और इसके लिए केंद्र की मंजूरी का इंतजार है. उन्होंने कहा कि वे अपनी जमीन बिल्डरों तथा निवेशकों को नहीं दे रहे. सरकार की उस क्षेत्र के विकास की योजना है. मंत्रालय हरित, स्मार्ट सड़कें बना रहा है जो मरीन ड्राइव से बड़ी होंगी.

उन्होंने कहा कि वे बुर्ज खलीफा से बड़ा ऐतिहासिक यादगार चिन्ह बनाना चाहते हैं. योजना तैयार है सिर्फ कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है. एमबीपीटी का पुराना नाम बांबे पोर्ट ट्रस्ट है. यह मुंबई शहर में सबसे बड़ा सार्वजनिक भू स्वामी है और इस बंदरगाह का परिचालन 1873 से कर रहा है. यह देश के शीर्ष 12 बंदरगाहों में से है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि करीब 500 हेक्टेयर का विकास बंदरगाह परिचालन, व्यापार कार्यालय, वाणिज्य, खुदरा, सामुदायिक परियोजनाओं और सम्मेलन केंद्र के रूप में करने का है. इसकी एक महत्वपूर्ण विशेषता माजागांव डॉक्स से वडाला तक सात किलोमीटर मैरीन ड्राइव का विकास करने की है जो मौजूदा मैरीन ड्राइव से बड़ा होगा.

गडकरी ने कहा कि जहाजरानी मंत्रालय की योजना अन्य बंदरगाहों का विकास करने की भी है.  मंत्रालय कोलकाता बंदरगाह का विकास करने की भी योजना बना रहा है और कांडला बंदरगाह पर स्मार्ट शहर बना रहे हैं.

मंत्री ने कहा कि संसाधन या जमीन की कोई कमी नहीं है और बंदरगाहों के बीच करीब एक लाख हेक्टेयर जमीन है. सरकार पहले ही देश में बंदरगाह आधारित विकास के लिए महत्वाकांक्षी 14 लाख करोड़ रुपये की सागरमाला परियोजना पर काम कर रही है. देश के प्रमुख बंदरगाहा के पास 2.64 लाख एकड़ जमीन है.

(इनपुट भाषा से)

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