रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रमुख रक्षा कंपनियों की लाइसेंसिंग व कर मुद्दों संबंधी चिंताओं को दूर करने का निर्देश शनिवार अधिकारियों को दिया और रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुगम बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. सरकार ने रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर यहां उद्योग मंडल सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श किया. इसमें अनेक भारतीय व विदेशी रक्षा कंपनियों के आला अधिकारी भी मौजूद थे. रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार रक्षा मंत्री ने रक्षा सचिव की अगुवाई वाली अधिकारियों की टीम को निर्देश दिया कि इस चर्चा में उठे प्रमुख मुद्दों पर समयबद्ध तरीके से काम किया जाए.
इसके तहत लाइसेंसिंग से जुड़े मुद्दे गृह मंत्रालय, कर से जुड़े मुद्दे वित्त मंत्रालय के साथ उठाने को कहा गया है. इसके अनुसार बैठक में लाइसेंसिंग, कर व शुल्कों सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई. इसी तरह खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी विचार विमर्श किया गया.
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अधिकारियों के अनुसार मंत्री ने निजी रक्षा कंपनियों के आला अधिकारियों को बताया कि सरकार सभी तरह की बाधाओं को दूर करने और रक्षा विनिर्माण में निजी भागीदारी सुगम बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है ताकि क्षेत्र में उच्च मूल्य वाला विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके.
VIDEO : भारत-चीन सीमा पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
निर्मला ने उन्हें बताया कि पहल का मुख्य उद्देश्य देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है और सरकार इस उद्योग के लिए समान अवसर उपलब्ध करवाएगी. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे खरीद प्रस्तावों का समयबद्ध तरीके से निपटान सुनिश्चित करें. उल्लेखनीय है कि सरकार ने मई में एक रणनीतिक भागीदारी माडल की घोषणा की थी जिसके तहत देश में पनडुब्बी व लड़ाकू विमान जैसे सैन्य उत्पादों के विनिर्माण के लिए चुनींदा निजी कंपनियों को शामिल किया जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसके तहत लाइसेंसिंग से जुड़े मुद्दे गृह मंत्रालय, कर से जुड़े मुद्दे वित्त मंत्रालय के साथ उठाने को कहा गया है. इसके अनुसार बैठक में लाइसेंसिंग, कर व शुल्कों सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई. इसी तरह खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी विचार विमर्श किया गया.
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अधिकारियों के अनुसार मंत्री ने निजी रक्षा कंपनियों के आला अधिकारियों को बताया कि सरकार सभी तरह की बाधाओं को दूर करने और रक्षा विनिर्माण में निजी भागीदारी सुगम बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है ताकि क्षेत्र में उच्च मूल्य वाला विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके.
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निर्मला ने उन्हें बताया कि पहल का मुख्य उद्देश्य देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है और सरकार इस उद्योग के लिए समान अवसर उपलब्ध करवाएगी. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे खरीद प्रस्तावों का समयबद्ध तरीके से निपटान सुनिश्चित करें. उल्लेखनीय है कि सरकार ने मई में एक रणनीतिक भागीदारी माडल की घोषणा की थी जिसके तहत देश में पनडुब्बी व लड़ाकू विमान जैसे सैन्य उत्पादों के विनिर्माण के लिए चुनींदा निजी कंपनियों को शामिल किया जाएगा.
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