Nirbhaya Rape Case: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा अब दोषियों को जल्द मिले फांसी.
नई दिल्ली:
देश-दुनिया को झकझोरने वाले 'निर्भया' गैंगरेप (Nirbhaya Rape Case) के तीन गुनहगारों की मौत की सजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद इस कांड के भुक्तभोगी परिवार और उसके बलिया स्थित पैतृक गांव के लोगों ने खुशी का इजहार किया है. फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा कि उनका परिवार लगभग 6 वर्ष से संघर्ष कर न्याय की लड़ाई लड़ रहा है. उन्हें खुशी है कि दरिंदों को किसी न्यायालय से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी मिले.
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उन्हें न्यायालय के आज के फैसले से तसल्ली हुई है, लेकिन एक नाबालिग दरिंदा कानून का लाभ उठाकर फांसी की सजा से बच गया, इसका दुःख है. निर्भया के पिता ने भी कहा कि वह फैसले से खुश हैं. उन्हें पूरा विश्वास था कि उच्चतम न्यायालय से दरिंदों को कोई राहत नहीं मिलेगी. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में हुए सनसनीखेज निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में फांसी के फंदे से बचने का प्रयास कर रहे तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकायें आज खारिज कर दीं.
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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दोषी मुकेश, पवन गुप्ता और विनय कुमार की याचिकायें खारिज करते हुए कहा कि पांच मई, 2017 के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कोई आधार नहीं है. इस सनसनीखेज अपराध में चौथे मुजरिम अक्षय कुमार सिंह ने मौत की सजा के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर नहीं की थी.
देखें VIDEO REPORTS, निर्भया गैंगरेप कांड में कब-कब क्या-क्या हुआ...
राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को हुए इस अपराध के लिए निचली अदालत ने 12 सितंबर, 2013 को चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. इस अपराध में एक आरोपी राम सिंह ने मुकदमा लंबित होने के दौरान ही जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि छठा आरोपी एक किशोर था. दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 मार्च, 2014 को दोषियों को मृत्यु दण्ड देने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी. इसके बाद, दोषियों ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थीं, जिन पर न्यायालय ने पांच मई, 2017 को फैसला सुनाया था.
VIDEO : निर्भया की मां ने कहा- पूरे देश के लोगों को मिला न्याय
उधर, फैसले के बाद निर्भया के गांव में लोगों ने मिठाई बांटी और मंदिर में विशेष पूजा की. मंदिर में महिलाओं ने दुग्धाभिषेक कर खुशी जताई. निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अगर अब तक दरिंदों को फांसी मिल गई होती तो आये दिन सामने आ रही हैवानियत की घटनाएं शायद ना होतीं. सिंह ने कहा कि अब उनकी पोती के गुनहगारों को बिना देर किये फांसी पर लटका देना चाहिये.
(इनपुट : भाषा)
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Delhi 2012 gang-rape victim's parents Asha Devi and Badrinath Singh show victory symbol after the Supreme Court upheld death penalty for the convicts. pic.twitter.com/ukKEV6KgpQ
— ANI (@ANI) July 9, 2018
उन्हें न्यायालय के आज के फैसले से तसल्ली हुई है, लेकिन एक नाबालिग दरिंदा कानून का लाभ उठाकर फांसी की सजा से बच गया, इसका दुःख है. निर्भया के पिता ने भी कहा कि वह फैसले से खुश हैं. उन्हें पूरा विश्वास था कि उच्चतम न्यायालय से दरिंदों को कोई राहत नहीं मिलेगी. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में हुए सनसनीखेज निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में फांसी के फंदे से बचने का प्रयास कर रहे तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकायें आज खारिज कर दीं.
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राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 को हुए इस अपराध के लिए निचली अदालत ने 12 सितंबर, 2013 को चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. इस अपराध में एक आरोपी राम सिंह ने मुकदमा लंबित होने के दौरान ही जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि छठा आरोपी एक किशोर था. दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 मार्च, 2014 को दोषियों को मृत्यु दण्ड देने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी. इसके बाद, दोषियों ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थीं, जिन पर न्यायालय ने पांच मई, 2017 को फैसला सुनाया था.
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उधर, फैसले के बाद निर्भया के गांव में लोगों ने मिठाई बांटी और मंदिर में विशेष पूजा की. मंदिर में महिलाओं ने दुग्धाभिषेक कर खुशी जताई. निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अगर अब तक दरिंदों को फांसी मिल गई होती तो आये दिन सामने आ रही हैवानियत की घटनाएं शायद ना होतीं. सिंह ने कहा कि अब उनकी पोती के गुनहगारों को बिना देर किये फांसी पर लटका देना चाहिये.
(इनपुट : भाषा)
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