विज्ञापन
This Article is From Jan 23, 2020

Nirbhaya Case: आखिरी ख्वाहिश को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं निर्भया के चारों दोषी, एक फरवरी को होनी है फांसी

दिल्ली की अदालत ने हाल ही में इस मामले के दोषियों-विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन- को एक फरवरी को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिये वारंट जारी किया है.

Nirbhaya Case: आखिरी ख्वाहिश को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं निर्भया के चारों दोषी, एक फरवरी को होनी है फांसी
पवन जल्लाद 30 जनवरी को तिहाड़ जेल पहुंच जाएगा और वह उसके बाद से तिहाड़ जेल में ही रहेगा.
लखनऊ:

निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में चारों दोषियों से तिहाड़ जेल प्रशासन ने पूछा कि वो अपने घरवालों से आखिरी बार कब मिलना चाहते हैं? लेकिन चारों में से किसी ने भी अभी तक समय नहीं बताया है. तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है. चारों दोषियों को एक फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा. नियमों के मुताबिक जिन्हें फांसी की सजा दी जाता है, उनसे पूछा जाता है कि आखिरी बार वह अपने परिवार के किस सदस्य से और कब मिलना चाहेंगे. इसके अलावा उनसे ये भी पूछा जाता है कि वह अपनी संपत्ति किसके नाम करना चाहते हैं? जेल प्रशासन ने जब चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय सिंह, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता से दोनों सवाल किए तो कोई जवाब नहीं मिला. इससे लगता है कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अभी और वक्त मिल सकता है. वहीं, पवन जल्लाद 30 जनवरी को तिहाड़ जेल पहुंच जाएगा और वह उसके बाद से तिहाड़ जेल में ही रहेगा. 

बता दें, मौत की सजा पाये दोषियों को फांसी दिये जाने के लिये सात दिन की समय सीमा निर्धारित करने का अनुरोध करते हुये केन्द्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. दिसंबर, 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषियों द्वारा पुनर्विचार याचिका, सुधारात्मक याचिका और दया याचिकाएं दायर करने की वजह से मौत की सजा के फैसले पर अमल में विलंब के मद्देनजर गृह मंत्रालय की यह याचिका काफी महत्वपूर्ण है.

निर्भया मामले में दोषियों के कानूनी दांव-पेंच से परेशान केंद्र सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली की अदालत ने हाल ही में इस मामले के दोषियों-विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन- को एक फरवरी को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिये वारंट जारी किया है. इससे पहले इन दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी लेकिन लंबित याचिकाओं की वजह से ऐसा नहीं हो सका था. निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया गया था. निर्भया का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था.

ब्लॉग: निर्भया के इंसाफ़ की गरिमा बनाए रखें- उसे जल्दबाज़ी भरे प्रतिशोध में न बदलें

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार ने जोर देते हुए कहा कि समय की जरूरत है कि दोषियों के मानवाधिकारों को दिमाग में रखकर काम करने के बजाय पीड़ितों के हित में दिशानिर्देश तय किये जाएं. गृह मंत्रालय ने एक आवेदन में कहा है कि शीर्ष अदालत को सभी सक्षम अदालतों, राज्य सरकारों और जेल प्राधिकारियों के लिये यह अनिवार्य करना चाहिये कि ऐसे दोषी की दया याचिका अस्वीकृत होने के सात दिन के भीतर सजा पर अमल का वारंट जारी करें और उसके बाद सात दिन के अंदर मौत की सजा दी जाए, चाहे दूसरे सह-मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका, सुधारात्मक याचिका या दया याचिका लंबित ही क्यों नहीं हों.

वीडियो: सिटी सेंटर : अब 1 फरवरी को होगी निर्भया के दोषियों को फांसी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
बलिया : गोष्ठी में बागवानी पर मार्गदर्शन देते हुए अचानक गिर पड़ा किसान, हार्ट अटैक से मौत
Nirbhaya Case: आखिरी ख्वाहिश को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं निर्भया के चारों दोषी, एक फरवरी को होनी है फांसी
चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, महाराष्ट्र को पटरी पर लाने तक यह बूढ़ा रुकेगा नहीं : शरद पवार
Next Article
चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, महाराष्ट्र को पटरी पर लाने तक यह बूढ़ा रुकेगा नहीं : शरद पवार
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com