सरकार ने मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक विनीत अग्रवाल को हटा दिया. नीरव मोदी मनी लॉन्ड्रिंग जांच मामले में एजेंसी के जांच अधिकारी को बिना उपयुक्त प्रक्रिया का पालन किये कार्य मुक्त (रिलीव) करने में कथित रूप से दखल देने को लेकर उन्हें हटाया गया है. अग्रवाल का कार्यकाल तीन साल कम किया गया है और महाराष्ट्र कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से गृह राज्य भेज दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को आदेश जारी किया. उसके बाद ईडी ने अग्रवाल को विशेष निदेशक पद से कार्य मुक्त करने का आदेश जारी किया.
मुंबई में ईडी का विशेष निदेशक एजेंसी के पश्चिमी क्षेत्र का प्रमुख होता है और महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर नियंत्रण होता है. यह कार्यभार अब एजेंसी के चेन्नई में तैनात विशेष निदेशक को सौंपा गया है. अग्रवाल को पांच साल के लिये प्रवर्तन निदेशालय में जनवरी 2017 में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. उनका नाम उस समय चर्चा में आया जब 29 मार्च को उन्होंने संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार को नीरव मोदी जांच मामले में कार्य मुक्त करने का आदेश जारी किया. इसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था.
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बता दें, नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड ने मध्य लंदन की एक बैंक शाखा से गिरफ्तार किया था. वह वहां नया खाता खुलवाने गया था. भारतीय प्राधिकरण का पक्ष रख रहे क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि नीरव मोदी करीब दो अरब डॉलर के मनी लॉड्रिंग एवं धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. नीरव मोदी उसके बाद जमानत लेने की कोशिश कर रहा है. नीरव मोदी के वकीलों ने पहली सुनवाई में जमानत के लिये पांच लाख पाउंड की पेशकश की थी और कड़ी से कड़ी शर्तों को मानने पर सहमति व्यक्त की थी. लेकिन उसे जमानत नहीं मिल पाई
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