
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके अपने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, लेकिन अपनी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) के एनडीए में शामिल होने संबंधी प्रश्नों के जवाब से बचते नजर आए।
लगभग 30 मिनट की बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि उनकी मांगों के प्रति मोदी का रवैया काफी सकारात्मक था और उम्मीद जताई कि एनडीए सरकार पिछली यूपीए सरकार के मुकाबले ओडिशा से बेहतर बर्ताव करेगी।
प्रधानमंत्री से मिलने के बाद नवीन पटनायक ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, हम सकारात्मक भूमिका निभाएंगे और हम उम्मीद करते हैं कि वह ओडिशा की उचित मांगों पर अनुकूल रवैया अपनाएंगे।
चौथी बार ओडिशा का मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री से पहली भेंट में पटनायक ने अपने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया और साथ ही विवादास्पद पोलावरम परियोजना को रद्द करने की मांग की। इस परियोजना से ओडिशा के मलकानगिरी जिले के 130 गांवों और लाखों हेक्टेयर भूमि के जलमग्न हो जाने का खतरा है।
प्रधानमंत्री से उन्होंने आग्रह किया कि वह मलकानगिरी के जलमग्न होने की ओडिशा की वास्तविक चिंता को समझें और पोलावरम परियोजना को रोकें। उन्होंने कहा, मुझे पूरी उम्मीद है। प्रधानमंत्री हमारी मांग के प्रति काफी सकारात्मक थे। बीजेडी के कुछ सांसदों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत केवल तभी विकास कर सकता है, जब राज्य विकास करेंगे।
मोदी से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के वास्ते 2014-15 के रेल बजट में 3160 करोड़ रुपये आवंटित करने की भी मांग की। इसके अलावा उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना के लिए पांच लाख अतिरिक्त बीपीएल लाभार्थियों को शामिल करने और पुरी में 2015 के नाबाकालेबर उत्सव के लिए केंद्र से 1397 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की। इसके अलावा पटनायक ने कोसाला और हो भाषाओं को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की।
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