प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद के विश्व बंधुत्व के संदेश का अनुसरण किया जाता, तो इतिहास को 9/11 जैसे 'नृशंस कृत्य' नहीं देखने पड़ते।
मोदी ने गुरुवार को माइक्रोब्लॉगिग साइट ट्विटर पर लिखा, अगर हमने स्वामीजी के संदेश का पालन किया होता तो इतिहास को अमेरिका में हुए 11 सितंबर, 2001 जैसा नृशंस कृत्य नहीं देखना पड़ता। चलिए हम स्वामी विवेकानंद के सुविचारों को याद करें और एकता, भाईचारे और विश्व शांति को आगे बढ़ाने में स्वयं को समर्पित करें।
11 सितंबर, 2001 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी व दक्षिणी टावरों पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।
वर्ष 1893 में 11 सितंबर को ही स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में वर्ल्ड पार्लियामेंट ऑफ रिलिजन्स को संबोधित कर इतिहास रचा था।
मोदी ने कहा, 11 सितंबर की दो छवियां हैं। एक वर्ष 2001 में हुए विनाश की और दूसरी वर्ष 1893 में स्वामी विवेकानंद के संदेश की। स्वामी विवेकानंद ने अपने संबोधन के जरिए पूरे विश्व का ध्यान हमारे देश के समृद्ध इतिहास और मजबूत सांस्कृतिक जड़ों की ओर खींचा था।
प्रधानमंत्री ने कहा, अमेरिका के भाइयों और बहनों, स्वामी विवेकानंद के इन शब्दों के साथ भारत का विश्व बंधुत्व का संदेश दुनियाभर में गूंजा।
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