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This Article is From Feb 25, 2015

भूमि अधिग्रहण पर अच्छे सुझाव आए तो विचार करेगी सरकार

नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष सहित शिवसेना जैसे अपने कुछ सहयोगी दलों की आलोचनाओं का सामना कर रही सरकार ने कहा है कि अगर इसमें कमियां हैं तो उसे बताएं और वह अच्छे सुझावों पर विचार करने को तैयार है। सरकार इस संबंध में अपने सहयोगी दलों, विपक्षी दलों से भी बात करेगी और जरूरी बदलाव करेगी।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हो रही चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ''हम किसानों के हित में यह कानून लाए हैं... इसमें कुछ कमियां हो सकती हैं... इन कमियों को बताएं... हम इन कमियों को दूर करेंगे... इसमें अगर कोई सुधार जरूरी है तो चर्चा करें... कुछ अच्छे सुझाव आएं, तब उन पर विचार किया जा सकता है...''

वेंकैया ने कहा कि भूमि अधिग्रहण सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए है, निजी उद्देश्यों के लिए नहीं। उन्होंने कहा, ''कोयला एवं अन्य अध्यादेश देश के विकास के इंजन को आगे बढ़ाने में सहायक होंगे...'' विकास के मुद्दे से भटकने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उसका जोर 'सुशासन के साथ विकास' पर है। उन्होंने कोयला, भूमि अधिग्रहण एवं अन्य अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित कराने में विपक्ष से सहयोग देने का आग्रह करते हुए इन्हें देश की 'वृद्धि के इंजन' करार दिया।

मंत्री ने सवाल किया कि सम्पत्ति सृजित किए बिना हम किस प्रकार से सम्पत्ति का वितरण करेंगे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, और वामदलों ने मंत्री पर सदस्यों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।

अध्यादेश पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाने पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए वेंकैया ने कहा कि जिन लोगों ने बार-बार अध्यादेश के मार्ग का इस्तेमाल किया, वे हम पर अंगुली उठा रहे हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के तुरंत बाद से ही अध्यादेश लाना शुरू हुआ और वामदलों के शासन वाले प्रदेशों में अध्यादेश का मार्ग अपनाया गया।

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