लगातार सांप्रदायिक बयान दे रहे बीजेपी सांसदों को लेकर मोदी सरकार ने अब सख्त भाषा का इस्तेमाल किया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि ये होड़ लगी है कि सांप्रदायिकता का चैंपियन कौन है मगर देश ऐसी बातों को स्वीकार नहीं करता।
नकवी हाल ही में आए बीजेपी सांसदों योगी आदित्यनाथ और साक्षी महाराज के बयानों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि सरकार विकास के एजेंडे पर आगे चल रही है और वो ऐसी बातों को तरजीह नहीं देती।
हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गैर हिंदुओं को जाने की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए। नकवी ने कहा, 'इस तरह के संवेदनशील धार्मिक मुद्दों को धर्म गुरुओं पर छोड़ देना चाहिए। इस पर सियासी बयानबाजी ठीक नहीं है। सरकार का एजेंडा साफ है। हम किसी भी विनाशकारी चीज़ को विकास के एजेंडे पर हावी नहीं होने देंगे।'
जबकि साक्षी महाराज ने जनसंख्या नियंत्रण पर विवादास्पद बयान दिया। उनका कहना है कि इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए। नकवी ने कहा, 'रोज बयान आ रहे हैं। एक तरह की सांप्रदायिक प्रतियोगिता चल रही है कि सांप्रदायिकता का चैंपियन कौन है। इस तरह की प्रतियोगिता में लगे लोगों को समझना चाहिए कि देश इस तरह की बातों को स्वीकार नहीं करता और खारिज करता है।'
नकवी ने शिवसेना के मुख पत्र सामना में आ रहे विवादास्पद संपादकीयों पर भी अपनी राय रखी। नकवी ने कहा, 'देश संविधान से चलता है और इस तरह की बातें जो लोग ये सोच कर करते हैं कि उन्हें इसका राजनीतिक लाभ होगा, ऐसा कतई नहीं है।'
बीजेपी बार-बार अपने सांसदों को विवादास्पद बयान न देने की नसीहत दे रही है। बेंगलुरु में हई कार्यकारिणी की बैठक में तो यहां तक कहा गया कि अगर ऐसे बयान नहीं रुके तो कार्रवाई भी की जा सकती है। लेकिन लगता है कि इन चेतावनियों का कोई असर नहीं हो रहा है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं