मोदी सरकार ने CBI के अंतरिम प्रमुख नागेश्वर राव को दिया प्रमोशन, एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए

मोदी सरकार ने CBI के अंतरिम प्रमुख नागेश्वर राव (Nageshwara Rao) को प्रमोशन दिया है. नागेश्वर राव अब एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए हैं.

मोदी सरकार ने CBI के अंतरिम प्रमुख नागेश्वर राव को दिया प्रमोशन, एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए

नागेश्वर राव सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने CBI के अंतरिम प्रमुख नागेश्वर राव (Nageshwara Rao) को प्रमोशन दिया है. नागेश्वर राव अब एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए हैं. ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव के नाम को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी प्रदान की. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव सामने आने के बाद 24 अक्टूबर को राव को अंतरिम सीबीआई निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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नागेश्वर राव के नाम पर नवंबर 2016 में अतिरिक्त निदेशक के लिए विचार नहीं किया गया और अप्रैल 2018 में इस बैच की समीक्षा के दौरान भी उनके नाम पर विचार नहीं हुआ. उन्होंने 2016 में संयुक्त निदेशक के रूप में सीबीआई में कामकाज शुरू किया था. सुप्रीम कोर्ट ने राव से तब तक कोई नीतिगत फैसला नहीं लेने को कहा, जब तक वह वर्मा और अस्थाना के बीच झगड़े से संबंधित याचिका पर सुनवाई नहीं करता. 

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बता दें कि हाल में एम. नागेश्वर राव ने उन आरोपों का खंडन किया था, जिसमें उनकी पत्नी के निवेश पर सवाल उठाए गए थे. राव ने मीडिया रिपोर्टों को 'गलत और असत्य' करार दिया था, जिसमें उनकी पत्नी द्वारा एक निजी कंपनी में निवेश में अनियमितता बरतने के आरोप लगाए गए थे. ओडिशा से 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राव ने एक हस्ताक्षरित बयान में कहा कि उनके और उनकी पत्नी की ओर से किए गए लेन-देन और निवेश की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है और वार्षिक संपत्ति रिटर्न में इस सबका जिक्र किया गया है. राव ने यह बयान उन मीडिया रपटों के बाद दिया है, जिसमें उनकी पत्नी पर मार्च 2011 में एंजेला र्मक टाइल प्राइवेट लिमिटेड(एएमपीएल) से 25 लाख रुपये ऋण लेने का आरोप है. यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के रिकार्ड से मिली है.

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राव ने हालांकि इन सभी रिपोर्टों को खारिज कर दिया है. राव ने कहा, "2010 में, मेरी पत्नी ने हमारे दोस्त प्रवीण अग्रवाल से आंध्रप्रदेश के गुंटुर में एक अचल संपत्ति खरीदने के लिए 25 लाख रुपये का ऋण लिया था. "उन्होंने कहा कि यह संपत्ति उनके गुंटुर में एक रिश्तेदार के. रत्ना ने संयुक्त रूप से खरीदी थी. उन्होंने कहा कि 2011 में, उनकी पत्नी ने कृषि संपत्ति के रूप में 5.12 एकड़ भूमि 30.72 लाख रुपये में बेची. दो महीने बाद उसने 6.05 एकड़ भूमि को 27.90 लाख रुपये में बेच दी. इस प्रकार 2011 में बेची गई भूमि से कुल 58.62 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई.

(इनपुट: भाषा से भी)


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