नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद एनडीटीवी से पहली बार बातचीत की। पढ़ें उनकी कही खास बातें...
1.) मीडिया से हमारी दुश्मनी नहीं, हमें तो आपकी ज़रूरत है, हमारे काम को आप जनता तक पहुंचाते हैं। हम ईमानदार जर्नलिस्ट्स का सम्मान करते हैं।
2.) जनता हमारे काम से बहुत ख़ुश है, हमने बिजली के बिल कम कर दिए हैं। इस बार की गर्मी में पानी और बिजली की उपलब्धता सबसे ज्य़ादा होगी, हमने जो कहा वो कर रहे हैं। अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला होता तो हम और तेज़ी से काम कर पाते।
3.) हमारे एलजी साब से रिश्ते बहुत अच्छे हैं, हम प्रधानमंत्री से भी अच्छे रिश्ते चाहते हैं। हम और ले.गवर्नर जब मिलते हैं तो गले लग कर मिलते हैं। लोग कह रहे हैं एलजी खुद दिक्कतें पैदा नहीं कर रहे हैं, वे मोदी जी के कहने पर ऐसा कर रहे हैं।
4.) ले.गवर्नर के पास दिल्ली के उपमुख़्यमंत्री से मिलने के लिए वक्त नहीं होता, वे मनीष का फोन नहीं उठाते। ले.गवर्नर का घर बीजेपी का दूसरा हेडक्वार्टर बन गया है, वे बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। अगर अमित शाह का चौकीदार भी उन्हें बुलाए, तो वह रेंगते हुए जाएंगे।
5.) केंद्र सरकार एलजी के ज़रिए दिल्ली पर कब्ज़ा करना चाहती है। प्रधानमंत्री को देश चलाने का मैन्डेट मिला है तो वो देश चलाएं दिल्ली हम पर छोड़ दें। मोदी जी जो भी कर रहे हैं वह दिल्ली के लोगों से बदला लेने जैसा है। नरेंद्र मोदी समझ लें, मैं राहुल गांधी नहीं हूं।
6.) केंद्र दिल्ली में एक एक्सपेरिमेंट करना चाह रही है, ये अलार्मिंग सिचुएशन है। दिल्ली सरकार बहुत अच्छे से चल रही है, हम दिल्ली के लोगों और केंद्र के बीच ढाल का काम कर रहे हैं।
7.) पहले किसी ने नहीं कहा कि एसीबी दिल्ली सरकार के अंदर नहीं आती है। हमारे 100 दिनों की सरकार की सफ़लता हमारी नहीं, बल्कि हमारे अफ़सरों की है। गृहमंत्रालय अफ़सरों की सैलरी कैसे रोक सकती है। जो भी दुखी आत्मा दिल्ली में नहीं रहना चाहते मेरे पास आएं, मैं उनका ट्रांसफर करा दूंगा।
8.) गजेंद्र सिंह की मौत एक दुख़द घटना थी, वो एक ट्रैजेडी थी। गजेंद्र सिंह की मौत के लिए नैतिक तौर पर भी सिर्फ़ हम कैसे ज़िम्मेदार ठहराये जा सकते हैं। जिस दिन गजेंद्र सिंह की मौत हुई मैं पूरी रात सो नहीं पाया, वह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
9.) योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के मुद्दे पर सीएम केजरीवाल ने कहा, जो हुआ वह बुरा हुआ वो हमारा अतीत था। अगर योगेंद्र यादव और प्रशांत हमारे साथ होते तो अच्छा होता। हम पार्टी में सबकी सुनते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी संयोजक और मुख़्यमंत्री लेता है।
10.) फ़िलहाल हमारा फोकस दिल्ली के लोगों को अच्छा गवर्नेंस देना है, पार्टी के विस्तार का फ़ैसला पार्टी करेगी।
1.) मीडिया से हमारी दुश्मनी नहीं, हमें तो आपकी ज़रूरत है, हमारे काम को आप जनता तक पहुंचाते हैं। हम ईमानदार जर्नलिस्ट्स का सम्मान करते हैं।
2.) जनता हमारे काम से बहुत ख़ुश है, हमने बिजली के बिल कम कर दिए हैं। इस बार की गर्मी में पानी और बिजली की उपलब्धता सबसे ज्य़ादा होगी, हमने जो कहा वो कर रहे हैं। अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला होता तो हम और तेज़ी से काम कर पाते।
3.) हमारे एलजी साब से रिश्ते बहुत अच्छे हैं, हम प्रधानमंत्री से भी अच्छे रिश्ते चाहते हैं। हम और ले.गवर्नर जब मिलते हैं तो गले लग कर मिलते हैं। लोग कह रहे हैं एलजी खुद दिक्कतें पैदा नहीं कर रहे हैं, वे मोदी जी के कहने पर ऐसा कर रहे हैं।
4.) ले.गवर्नर के पास दिल्ली के उपमुख़्यमंत्री से मिलने के लिए वक्त नहीं होता, वे मनीष का फोन नहीं उठाते। ले.गवर्नर का घर बीजेपी का दूसरा हेडक्वार्टर बन गया है, वे बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। अगर अमित शाह का चौकीदार भी उन्हें बुलाए, तो वह रेंगते हुए जाएंगे।
5.) केंद्र सरकार एलजी के ज़रिए दिल्ली पर कब्ज़ा करना चाहती है। प्रधानमंत्री को देश चलाने का मैन्डेट मिला है तो वो देश चलाएं दिल्ली हम पर छोड़ दें। मोदी जी जो भी कर रहे हैं वह दिल्ली के लोगों से बदला लेने जैसा है। नरेंद्र मोदी समझ लें, मैं राहुल गांधी नहीं हूं।
6.) केंद्र दिल्ली में एक एक्सपेरिमेंट करना चाह रही है, ये अलार्मिंग सिचुएशन है। दिल्ली सरकार बहुत अच्छे से चल रही है, हम दिल्ली के लोगों और केंद्र के बीच ढाल का काम कर रहे हैं।
7.) पहले किसी ने नहीं कहा कि एसीबी दिल्ली सरकार के अंदर नहीं आती है। हमारे 100 दिनों की सरकार की सफ़लता हमारी नहीं, बल्कि हमारे अफ़सरों की है। गृहमंत्रालय अफ़सरों की सैलरी कैसे रोक सकती है। जो भी दुखी आत्मा दिल्ली में नहीं रहना चाहते मेरे पास आएं, मैं उनका ट्रांसफर करा दूंगा।
8.) गजेंद्र सिंह की मौत एक दुख़द घटना थी, वो एक ट्रैजेडी थी। गजेंद्र सिंह की मौत के लिए नैतिक तौर पर भी सिर्फ़ हम कैसे ज़िम्मेदार ठहराये जा सकते हैं। जिस दिन गजेंद्र सिंह की मौत हुई मैं पूरी रात सो नहीं पाया, वह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
9.) योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के मुद्दे पर सीएम केजरीवाल ने कहा, जो हुआ वह बुरा हुआ वो हमारा अतीत था। अगर योगेंद्र यादव और प्रशांत हमारे साथ होते तो अच्छा होता। हम पार्टी में सबकी सुनते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी संयोजक और मुख़्यमंत्री लेता है।
10.) फ़िलहाल हमारा फोकस दिल्ली के लोगों को अच्छा गवर्नेंस देना है, पार्टी के विस्तार का फ़ैसला पार्टी करेगी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं