विज्ञापन
This Article is From Jul 19, 2013

मुंबई सीरियल बम धमाके : 11 दोषियों की उम्रकैद बरकरार

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मुंबई में 1998 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में दोषी करार दिए गए एक पाकिस्तानी नागरिक सहित 11 लोगों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है।
मुंबई: मुंबई में 1998 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में दोषी करार दिए गए एक पाकिस्तानी नागरिक सहित 11 लोगों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति पीवी हरदास और न्यायमूर्ति रेवती डेरे की खंडपीठ ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर दिसंबर 1997 में इन धमाकों की साजिश रची गई थी।

साल 1998 में 23 जनवरी और 27 फरवरी के बीच विरार स्टेशन के पास, कंजूरमार्ग स्टेशन, गोरेगांव और मलाड के बीच रेल की पटरियों पर, सांताक्रूज रेलवे स्टेशन के पास और कांदिवली रेलवे स्टेशन के प्लैटफॅर्म नंबर दो पर बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में चार लोग मारे गए थे जबकि 30 जख्मी हो गए थे।

अतिरिक्त लोक अभियोजक जयेश याज्ञिक ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि पांचों धमाकों में एक ही तरह के विस्फोटक इस्तेमाल किए गए और ये सभी धमाके एक ही साजिश का हिस्सा थे।

निचली अदालत ने 29 जून 2004 को पाकिस्तानी नागरिक जावेद गुलाम हुसैन के अलावा आफताब सईद, असगर कादर शेख, कादिर मोहम्मद शफी, खालिद अंसारी, शबीर बशीर चव्हाण, जफर शेख, मोहम्मद चौहान, अशफाक शेख, फारुख यूसुफ शेख और आफताब शेख को इस मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था और बाद में उसे पाकिस्तान भेज दिया गया।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
मुंबई सीरियल बम धमाके, Mumbai Serial Blast 1998, दोषियों को उम्रकैद