
सुरक्षा एजेंसियों ने मुंबई सहित देश के कई शहरों में आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों के मुताबिक, आतंकी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा' अगले दो से तीन महीने में कई शहरों में एक के बाद एक कई हमले कर सकता है।
एजेंसियों के अनुसार, ये आतंकी समंदर के रास्ते मुंबई में घुस सकते हैं और इनकी संख्या आठ से दस तक हो सकती है। समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल होने के बाद इन आतंकियों के निशाने पर सभी बड़े रेलवे स्टेशन और पांच सितारा होटल हो सकते हैं। मुंबई रेल पुलिस आयुक्त ने शहर के सभी रेल पुलिस थानों को एक पत्र लिखकर सभी को सतर्क रहने और जरूरी सुरक्षा उपाय करने को कहा है।
हालांकि एनडीटीवी को इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के सूत्रों ने साफ किया है कि यह एक सामान्य किस्म का अलर्ट है, जो कुछ दिन पहले सभी राज्यों को जारी किया गया था। इस अलर्ट में किसी एक शहर या टारगेट की तरफ़ इशारा नहीं किया गया है। यह अलर्ट पहले के अलर्ट के सिलसिले को ही आगे बढ़ाता है, क्योंकि मई 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से ही देश में लश्कर द्वारा आतंकी हमला किए जाने की लगातार आशंका बनी हुई है।
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा यह अलर्ट 26/11 हमले के मुख्य़ आरोपी ज़की-उर-रहमान लखवी की रिहाई के तुरंत बाद जारी किया गया। दरअसल, लखवी को पिछले हफ्ते ही लाहौर की एक कोर्ट से जमानत मिली थी, हालांकि भारत ने लखवी की रिहाई के खिलाफ अपना विरोध भी दर्ज कराया है।
वैसे, पाकिस्तान से आ रही खबरों के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मुंबई में हुए 26/11 हमले की सुनवाई खत्म करने के लिए दो महीने की समयसीमा तय की है। 26/11 के साज़िशकर्ता 55-वर्षीय आतंकवादी सरगना ज़की-उर-रहमान लखवी को दी गई जमानत रद्द करने के लिए दायर की गई सरकारी अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को चेताया कि अगर उसने दो महीने की समयसीमा के भीतर मामले की सुनवाई पूरी नहीं की, तो वह (हाईकोर्ट) लखवी की जमानत रद्द करने की पाकिस्तान सरकार की अपील मंजूर कर लेगी।
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