मुंबई:
मुंबई के मालवणी में क्राइम ब्रांच ने डेढ़ हज़ार लीटर अवैध शराब बरामद की है। ये शराब उसी खेप का हिस्सा है जिसे पीकर अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस ने इसके साथ ही दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से इलाके में शराब बेचा करती थीं। इनका नाम ममता राठौड़ और एग्नेस ग्रेस ऑन्टी है।
पुलिस के मुताबिक यह बड़ी सफलता मामले में गिरफ़्तार आरोपी फ्रांसिस थॉमस डिमेलो से पूछताछ के बाद मिली है। उनका कहना है कि जिस शराब को पीकर मुंबई के लक्ष्मीनगर इलाके में मौत का मातम छाया था, उसकी एक बड़ी खेप उस इलाके से थोड़ी ही दूर राठोड़ी के एक घर में छुपाकर रखी गई थी।
एसीपी सुनील देशमुख के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम जब फ्रांसिस को लेकर उस घर में पहुंची, तो वह दंग रह गई। घर में आठ बड़े पीपे शराब से भरे हुए मिले। करीब उतने ही छोटे प्लास्टिक के गैलेन भी मिले।
पुलिस के मुताबिक, फ्रांसिस यहीं से अवैध शराब का अपना धंधा को चलाता था और जैसे ही शराब पीने से मौत की खबर उसे मिली, वह घर में ताला लगाकर फरार हो गया था।
पुलिस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन जहरीली शराब की यह खेप किस भट्टी में बनी थी, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।
उत्तर मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त फ़तेह सिंह पाटिल के मुताबिक, शराब कल्याण में ही कहीं बनी है। असली आरोपी तक पहुचने की कोशिश जारी है। जांच में पता चला है कि शराब बनाने के लिए केमिकल गुजरात से आया था।
अंदेशा है कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल मिश्रण में मेथनॉल की मात्रा अधिक होने से शराब जहर बन गई होगी। जहरीली शराब के नमूने की जांच में भी मेथनॉल की मात्रा अधिक मिली है।
इस बीच 2 दिन तक इस हादसे की तरफ आंख मूंदे रहे नेताओं और मंत्रियों का बस्ती में आकर मृतकों के परिवार वालों को ढाढस बढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इलाके के पालक मंत्री विनोद तावड़े ने मृतकों के परिवार वालों को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।
मालवणी जहरीली शराब हादसे ने साल 2004 के विक्रोली हादसे को भी पीछे छोड़ दिया है। उस हादसे में 87 लोगो की मौत हुई थी, जबकि मालवणी में मौत का आंकड़ा 100 के करीब पहुंच चुका है, वहीं 30 के करीब अब भी अस्पताल में हैं।
पुलिस ने इसके साथ ही दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से इलाके में शराब बेचा करती थीं। इनका नाम ममता राठौड़ और एग्नेस ग्रेस ऑन्टी है।
पुलिस के मुताबिक यह बड़ी सफलता मामले में गिरफ़्तार आरोपी फ्रांसिस थॉमस डिमेलो से पूछताछ के बाद मिली है। उनका कहना है कि जिस शराब को पीकर मुंबई के लक्ष्मीनगर इलाके में मौत का मातम छाया था, उसकी एक बड़ी खेप उस इलाके से थोड़ी ही दूर राठोड़ी के एक घर में छुपाकर रखी गई थी।
एसीपी सुनील देशमुख के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम जब फ्रांसिस को लेकर उस घर में पहुंची, तो वह दंग रह गई। घर में आठ बड़े पीपे शराब से भरे हुए मिले। करीब उतने ही छोटे प्लास्टिक के गैलेन भी मिले।
पुलिस के मुताबिक, फ्रांसिस यहीं से अवैध शराब का अपना धंधा को चलाता था और जैसे ही शराब पीने से मौत की खबर उसे मिली, वह घर में ताला लगाकर फरार हो गया था।
पुलिस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन जहरीली शराब की यह खेप किस भट्टी में बनी थी, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।
उत्तर मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त फ़तेह सिंह पाटिल के मुताबिक, शराब कल्याण में ही कहीं बनी है। असली आरोपी तक पहुचने की कोशिश जारी है। जांच में पता चला है कि शराब बनाने के लिए केमिकल गुजरात से आया था।
अंदेशा है कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल मिश्रण में मेथनॉल की मात्रा अधिक होने से शराब जहर बन गई होगी। जहरीली शराब के नमूने की जांच में भी मेथनॉल की मात्रा अधिक मिली है।
इस बीच 2 दिन तक इस हादसे की तरफ आंख मूंदे रहे नेताओं और मंत्रियों का बस्ती में आकर मृतकों के परिवार वालों को ढाढस बढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इलाके के पालक मंत्री विनोद तावड़े ने मृतकों के परिवार वालों को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।
मालवणी जहरीली शराब हादसे ने साल 2004 के विक्रोली हादसे को भी पीछे छोड़ दिया है। उस हादसे में 87 लोगो की मौत हुई थी, जबकि मालवणी में मौत का आंकड़ा 100 के करीब पहुंच चुका है, वहीं 30 के करीब अब भी अस्पताल में हैं।
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