भोपाल:
मध्य प्रदेश में भोपाल की जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश सुषमा खोसला ने सात साल पूर्व एक मासूम के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या किए जाने के मामले में गुरुवार को आरोपी के खिलाफ फांसी की सजा सुनाई है।
घटना 20 अगस्त, 2005 की है जब आरोपी दिलीप बनकर ने रोशनपुरा के ग्वाल मुहल्ला में रहने वाले सतनाम की पांच वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद पहचान छुपाने के मकसद से उसकी हत्या कर दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश खोसला ने इस घटना को जघन्यतम मानते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि ऐसे अपराधी के साथ रियायत बरतना समाज के लिए सही नहीं है। इस व्यक्ति को समाज में रहने का भी अधिकार नहीं है तथा यह मानवता के नाम पर कलंक है। इसलिए इसे फांसी की सजा सुनाया जाना न्यायोचित होगा।
घटना 20 अगस्त, 2005 की है जब आरोपी दिलीप बनकर ने रोशनपुरा के ग्वाल मुहल्ला में रहने वाले सतनाम की पांच वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद पहचान छुपाने के मकसद से उसकी हत्या कर दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश खोसला ने इस घटना को जघन्यतम मानते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि ऐसे अपराधी के साथ रियायत बरतना समाज के लिए सही नहीं है। इस व्यक्ति को समाज में रहने का भी अधिकार नहीं है तथा यह मानवता के नाम पर कलंक है। इसलिए इसे फांसी की सजा सुनाया जाना न्यायोचित होगा।
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