MP Coronavirus News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में 85 साल के कैंसर के मरीज़ ने कोरोना को मात दे दी है. पेशे से डॉक्टर नरेंद्र महाडिक, जिन्हें 10 अप्रैल को कोरोना संक्रमित होने के बाद इंदौर से उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था, डबल निमोनिया (दोनों फेफड़ों के संक्रमण) से पीड़ित थे. वे कैंसर पीड़ित भी हैं. इसके बावजूद उन्होंने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति की बदौलत कोरोना वायरस को मात दे दी.
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ सुधीर गवारीकर ने कहा, "उनका कोविड -19 का टेस्ट पॉजिटिव था. वे निमोनिया से भी पीड़ित थे. वे पहले से ही प्रोस्टेट कैंसर की दवा पर थे और छह महीने पहले ही उन्हें धमनी सर्जरी से गुजरना पड़ा था."
डॉ गवारीकर ने यह भी कहा कि मरीज एनीमिक थे और पहले उनके बाएं पैर में फ्रैक्चर हुआ था. उन्होंने कहा, "इन सभी परिस्थितियों ने उनकी स्थिति को और गंभीर कर दिया था हम उन्हें लेकर बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं थी. ऐसे में हमने उन्हें ICMR अनुमोदित एक ही COVID-19 उपचार प्रोटोकॉल पर रखा था और दूसरे मरीज़ों की ही तरह उनका इलाज किया. उन्हें कोई वैकल्पिक उपचार प्रोटोकॉल भी नहीं दिया गया था, सिर्फ अतिरिक्त पोषण और विटामिन सी की खुराक.
हालांकि, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने उन्हें पास नहीं दिया है इसलिए वे अस्पताल में ही भर्ती हैं. डॉक्टरों ने बताया कि वयोवृद्ध डॉ महादिक अपने पोते पोतियों को बहुत याद कर रहे हैं.
डॉ महाडिक की कहानी इसलिए अहम है क्योंकि ये माना जाता है कि कोरोना बुजुर्गों और खासकर उन लोगों के लिए बहुत खतरनाक है जिनकी रोग प्रतिरक्षा पहले से ही कमजोर है. डॉ महाडिक ने इन सबको अपनी इच्छाशक्ति के बूते हरा दिया.
उज्जैन में अब तक 147 कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं और 27 लोगों की मौत हो चुकी है, पूरे राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण के 2,846 मामले आए हैं जिसमें 156 लोगों की मौत हो चुकी है.
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