मध्य प्रदेश : पाठ्यक्रम में पद्मावती को शामिल करना बड़ी चुनौती, पहले से इंतजार में कई महापुरुष

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'पद्मावती' को राज्य की स्कूली किताबों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा कर दी.

मध्य प्रदेश : पाठ्यक्रम में पद्मावती को शामिल करना बड़ी चुनौती, पहले से इंतजार में कई महापुरुष

सीएम शिवराज सिंह ने पद्मावती को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मध्य प्रदेश में पाठ्यक्रम में पद्मावती को शामिल करना बड़ी चुनौती.
  • सीएम शिवराज सिंह ने पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है.
  • पहले से ही कई महापुरुष पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने के इंतजार में हैं.
भोपाल:

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'पद्मावती' को राज्य की स्कूली किताबों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा कर तो दी, लेकिन इस लिस्ट में पहले से ही शंकराचार्य, राजा छत्रसाल, झलकारी बाई जैसी महान हस्तियां हैं. अब पद्मावती को पाठ्यपुस्तक में जगह देने से पहले मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निर्माण समिति को इस पर प्रामाणिक और तथ्यपरक शोध करना होगा.

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर हंगामे के बीच सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने फिल्म पर पाबंदी लगाई, फिर रानी पद्मावती को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने का ऐलान हुआ. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में कहा था  'राजमाता पद्मावती की जीवन गाथा अगले शैक्षणिक सत्र में स्‍कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके बलिदान और साहस को जान सके. इस तरह से वे सही इतिहास के बारे में जान सकेंगे.'

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लेकिन सूत्रों के मुताबिक ऐलान को हक़ीकत में बदलना इतना आसान नहीं, ख़ासकर तब जब मुख्यमंत्री की गुजारिश के बाद भी जगतगुरू शंकराचार्य, राजा छत्रसाल, हरिसिंह गौर, झलकारी बाई पाठ्यक्रम में शामिल होने के इंतज़ार में हैं. इस मामले पर स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने पूरी प्रक्रिया को समझाते हुए कहा उनके चरित्र को पढ़ाया जाएगा तो राष्ट्रनिर्माण होगा लेकिन हमारे यहां इसके लिये पाठ्यक्रम समिति है. पाठ्यक्रम समिति को हम ड्राफ्ट सौंपते हैं. समिति इस पर राय देती है मसौदा तैयार करती है उसकी रिपोर्ट एक फाइनल कमेटी बनाकर देती है, इसके बाद ही उसको पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है.

सरकार ये मानती है कि जनभावना के तहत ऐलान हो गया, लेकिन 'पद्मावती' को पाठ्यक्रम में जगह देने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी. दीपक जोशी ने बताया कि
पाठ्यक्रम समिति के माध्यम से करने का प्रयत्न करेंगे विषय ताजा है, बच्चों को जानकारी मिली है, तत्काल पढ़ाया जाए तो बच्चों को लाभ मिलेगा लेकिन प्रक्रिया के बिना सीधा नहीं कर पाएंगे. हालांकि प्रक्रिया के बाद पूरी कोशिश होगी कि शामिल किया जाए.

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हालांकि, विपक्ष को लगता है सरकार लोगों को बस भ्रमित कर रही है. नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि उन्हें राजमाता बना दिया. ये सिर्फ विषय को कैसे मोड़ा जाए. 2-4 दिन अखबारबाजी हो फिर लोग भूल जाएं इसमें शिवराज सिंह जी बड़े कलाकार हैं. बता दें कि मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत के जरिये पद्मावती अभी उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में हैं, लेकिन ऐतिहासिक वीरांगना के रूप में उन्हें स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना बड़ी चुनौती होगी.

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