देश के बैंकों में करीब पांच हजार करोड़ रुपया ऐसा पड़ा है, जिसका कोई भी दावेदार नहीं है। बैंकों के पास बीती 31 दिसंबर की स्थिति के मुताबिक, 5124 करोड़ रुपये की जमाराशि बिना दावे के पड़ी थी। संसद को आज यह जानकारी दी गई।
वित्त राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया, 'बिना दावे वाली कुल राशि (10 वर्ष से अधिक पुरानी) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में पड़ी हुई थीं.. 31 दिसंबर, 2013 के अंत तक यह राशि 51,24,98,11,927 रुपये थी।
मंत्री ने कहा कि समय समय पर रिजर्व बैंक ने बैंकों को खाताधारकों का पता लगाने के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है, जिनके खाते संचालन में नहीं हैं।
बैंकों को यह परामर्श भी दिया गया है कि बगैर दावे वाली राशि और 10 साल या उससे अधिक समय तक बगैर परिचालन वाले खातों की सूची को प्रदर्शित करें और वे अपने वेबसाइट को नियमित अंतराल पर अपडेट करता रहे।
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