
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि देश के 36 उपमंडलों में से 10 में कम बारिश होगी, और कुछ हिस्सों में मॉनसून देरी से पहुंच सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने कहा कि हालांकि इस समय तक देश में कुल मिलाकर पांच प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हो चुकी है. इस बीच, मात्र केरल में मॉनसून पहुंच चुका है, लेकिन वहां भी बारिश लगभग 27 प्रतिशत कम हुई है. आईएमडी के अनुसार, भारत के मध्य, उत्तर और पूर्वी क्षेत्रों सहित खास क्षेत्रों में 15 जून तक मॉनसून नहीं पहुंच पाया है, फिर भी मॉनसून में देरी की घोषणा जल्दबाजी होगी. आईएमडी ने यह भी कहा है कि माना जा रहा है कि पूर्वी और उत्तर भारत के खास हिस्सों में मॉनसून समय पर पहुंचेगा, लेकिन मध्य भारत और पूर्वी मध्य प्रदेश के बारे में वे अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.
आईएमडी के वैज्ञानिक एम. महापात्रा ने कहा, "सात दिनों का आगा-पीछा हमेशा एक मानक अवधि है. कुछ हिस्सों में मॉनसून अभी भले ही नहीं पहुंचा है, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि 22 जून तक वहां भी मॉनसून पहुंच जाएगा. हम मध्य भारत के बारे में टिप्पणी नहीं कर सकते." जो क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं, उनमें कृषि के इलाके शामिल हैं, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गंगेटिक पश्चिम बंगाल, सिक्किम, केरल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं.
महापात्रा ने कहा, "अभी तक की वास्तविक बारिश 88.7 प्रतिशत है, जबकि सामान्य बारिश 84.6 प्रतिशत है, यानी पांच प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हो चुकी है. हमने अनुमान जाहिर किया है कि यह मौसम किसानों के लिए अच्छा होगा." दिल्ली के बारे में अधिकारियों ने कहा कि अपेक्षित तिथि 29 जून है, लेकिन यदि चार जुलाई तक भी राष्ट्रीय राजधानी में मॉनसून पहुंच गया तो इसे समय पर माना जाएगा. स्काईमेट के निदेशक महेश पलवा ने कहा, "उत्तर प्रदेश में मॉनसून तराई क्षेत्र से अगले दो-तीन दिनों में पहुंच जाएगा. हालांकि राज्य के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में, जैसे बांदा जिले में मॉनसून 27 या 28 जून तक पहुंचेगा."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आईएमडी के वैज्ञानिक एम. महापात्रा ने कहा, "सात दिनों का आगा-पीछा हमेशा एक मानक अवधि है. कुछ हिस्सों में मॉनसून अभी भले ही नहीं पहुंचा है, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि 22 जून तक वहां भी मॉनसून पहुंच जाएगा. हम मध्य भारत के बारे में टिप्पणी नहीं कर सकते." जो क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं, उनमें कृषि के इलाके शामिल हैं, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गंगेटिक पश्चिम बंगाल, सिक्किम, केरल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं.
महापात्रा ने कहा, "अभी तक की वास्तविक बारिश 88.7 प्रतिशत है, जबकि सामान्य बारिश 84.6 प्रतिशत है, यानी पांच प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हो चुकी है. हमने अनुमान जाहिर किया है कि यह मौसम किसानों के लिए अच्छा होगा." दिल्ली के बारे में अधिकारियों ने कहा कि अपेक्षित तिथि 29 जून है, लेकिन यदि चार जुलाई तक भी राष्ट्रीय राजधानी में मॉनसून पहुंच गया तो इसे समय पर माना जाएगा. स्काईमेट के निदेशक महेश पलवा ने कहा, "उत्तर प्रदेश में मॉनसून तराई क्षेत्र से अगले दो-तीन दिनों में पहुंच जाएगा. हालांकि राज्य के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में, जैसे बांदा जिले में मॉनसून 27 या 28 जून तक पहुंचेगा."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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