अनुपम खेर के साथ पहुंचे प्रतिनिधमंडल से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
नई दिल्ली:
असहिष्णुता पर बढ़ती बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संस्कृति सहिष्णुता और स्वीकृति की बातों से कहीं आगे है। अभिनेता अनुपम खेर के नेतृत्व में शनिवार को 51 कलाकारों और लेखकों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर एक वर्ग के लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध पर चिंता जताई और उन्हें एक ‘राजनीतिक एजेंडा’ के तहत एकजुट करार दिया।
विकास को पटरी से उतारने की कोशिश
मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति सहिष्णुता और स्वीकृति की बातों से कहीं आगे है।’ इससे पूर्व कलाकारों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। खेर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने लेखकों और अन्य हस्तियों द्वारा अपने अवार्ड विरोध स्वरूप लौटाने के कदम को देश की छवि को नुकसान पहुंचाने और प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए विकास को पटरी से उतारने की कोशिश करार दिया।
राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें पुरस्कार वापसी से देश की छवि को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई गई। 'मार्च फॉर इंडिया' में शामिल अनुपम खेर, निर्देशक मधुर भंडारकर और चित्रकार वासुदेव कामथ समेत 11 सदस्यों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन पर 90 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें कमल हासन, शेखर कपूर, विद्या बालन, रवीना टंडन और विवेक ओबरॉय जैसी फिल्मी हस्तियां, लेखक, पूर्व न्यायाधीश और संगीतकार शामिल हैं। (पढ़ें- 'असहिष्णुता विरोध' के खिलाफ अनुपम खेर ने निकाला मार्च)
मार्च में NDTV संवाददाताओं से भीड़ ने की बदसलूकी
वहीं अनुपम खेर की अगुवाई में आज दिल्ली के जनपथ से राष्ट्रपति भवन तक निकाले गए मार्च में शामिल कुछ लोगों ने कवरेज के दौरान NDTV संवाददाताओं से बदसलूकी की। हालांकि अनुपम खेर ने भीड़ के इस व्यवहार को लेकर माफी मांगी है। (पढ़ें - NDTV संवाददाताओं से बदसलूकी पर अनुपम खेर ने मांगी माफी)
विकास को पटरी से उतारने की कोशिश
मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति सहिष्णुता और स्वीकृति की बातों से कहीं आगे है।’ इससे पूर्व कलाकारों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। खेर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने लेखकों और अन्य हस्तियों द्वारा अपने अवार्ड विरोध स्वरूप लौटाने के कदम को देश की छवि को नुकसान पहुंचाने और प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए विकास को पटरी से उतारने की कोशिश करार दिया।
राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें पुरस्कार वापसी से देश की छवि को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई गई। 'मार्च फॉर इंडिया' में शामिल अनुपम खेर, निर्देशक मधुर भंडारकर और चित्रकार वासुदेव कामथ समेत 11 सदस्यों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन पर 90 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें कमल हासन, शेखर कपूर, विद्या बालन, रवीना टंडन और विवेक ओबरॉय जैसी फिल्मी हस्तियां, लेखक, पूर्व न्यायाधीश और संगीतकार शामिल हैं। (पढ़ें- 'असहिष्णुता विरोध' के खिलाफ अनुपम खेर ने निकाला मार्च)
मार्च में NDTV संवाददाताओं से भीड़ ने की बदसलूकी
वहीं अनुपम खेर की अगुवाई में आज दिल्ली के जनपथ से राष्ट्रपति भवन तक निकाले गए मार्च में शामिल कुछ लोगों ने कवरेज के दौरान NDTV संवाददाताओं से बदसलूकी की। हालांकि अनुपम खेर ने भीड़ के इस व्यवहार को लेकर माफी मांगी है। (पढ़ें - NDTV संवाददाताओं से बदसलूकी पर अनुपम खेर ने मांगी माफी)
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