यह ख़बर 26 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भ्रष्टाचार को लेकर हजारे ने साधा मोदी पर निशाना

खास बातें

  • मोदी की सराहना कर आलोचना के शिकार हुए हजारे ने कहा कि गुजरात में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और महात्मा गांधी का राज्य भी इससे नहीं बचा है।
अहमदाबाद:

गुजरात में विकास कार्य के लिए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बृहस्पतिवार को अपने रूख में परिवर्तन करते हुए कहा कि वह राज्य में भ्रष्टाचार को देखकर निराश हैं। मोदी की सराहना कर आलोचना के शिकार हुए हजारे ने कहा कि गुजरात में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और महात्मा गांधी का राज्य भी इससे नहीं बचा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले हजारे ने कहा कि इस राज्य में शराबबंदी है लेकिन यहां दूध की तुलना में शराब आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने कहा, यहां आने के बाद मैंने महसूस किया कि यहां भ्रष्टाचार के काफी मामले हैं। गांधीजी के राज्य में काफी भ्रष्टाचार है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी से गुजरात में लोकायुक्त नियुक्त करने का अनुरोध किया। हजारे जन लोकपाल विधेयक प्रारूप टीम के एक सदस्य हैं। उन्होंने यह टिप्पणी यहां गुजरात विद्यापीठ में विभिन्न सामाजिक समूहों द्वारा आयोजित जनसुनवाई में की। उन्होंने कहा, लोगों को अधिकारसंपन्न बनाने के लिए पहले लोकायुक्त की नियुक्ति की जाए और दूसरे ग्राम सभाओं को अधिकार दिए जाएं। मोदी पर हमला बोलते हुए हजारे ने कहा, गांधीजी के राज्य में काफी अधिक शराब है। गुजरात में दूध की तुलना में शराब अधिक है। गुजरात देश के प्रमुख दूध उत्पादक राज्यों में से है। हजारे ने विगत में मोदी की सराहना करते हुए कहा था कि देश के मुख्यमंत्रियों को गुजरात और बिहार के मुख्यमंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों से सीख लेनी चाहिए। उनके द्वारा मोदी की प्रशंसा किए जाने की तीखी आलोचना हुई थी और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर सहित उनके सहयोगियों ने भी उनकी आलोचना की थी। प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि जन सुनवाई से विकास संबंधी गुजरात सरकार के दावों की कलई खुल गई है।


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