अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में पहली बार शुरू हुई मोबाइल इंटरनेट सेवा, 50 हजार लैंडलाइन कनेक्शन भी शुरू किए गए

अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में हिंसा की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला किया था. 

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में पहली बार शुरू हुई मोबाइल इंटरनेट सेवा, 50 हजार लैंडलाइन कनेक्शन भी शुरू किए गए

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट शुरू

खास बातें

  • जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में 2जी सेवा शुरू
  • धारा 370 हटाने के बाद बंद की गई थी सेवा
  • अगले कुछ दिनों में अन्य जगहों पर शुरू हो सकती है सेवा
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है. केंद्र सरकार ने जिन इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है उनमें जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जैसे इलाके शामिल हैं. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में हिंसा की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला किया था. साथ ही कश्मीर घाटी (Jammu and Kashmir) के 50 हजार लैंडलाइन कनेक्शन भी शुरू किया गया है. साथ ही 17 एक्सचेंज में लैंडलाइन सेवाएं भी शनिवार को बहाल कर दी गईं हैं. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 100 से अधिक टेलीफोन एक्सचेंज में से 17 को बहाल कर दिया गया. ये एक्सचेंज अधिकतर सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास है. मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं. वहीं, उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं. उधर,दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड और पहलगाम इलाकों में सेवाएं बहाल की गई हैं. बता दें कि इससे पहले आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही रविवार को तनाव की स्थिति बनी रही थी .

पुलिस ने कहा था कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये ऐहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर बड़ी-बड़ी लाइनों में खड़े नजर आए. 

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम के मार्गदर्शक और भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान किशोर खिलाड़ियों के साथ श्रीनगर से रवाना हो गए थे. वह अंडर-16 (विजय मर्चेंट ट्राफी) और अंडर-19 (कूचबेहार ट्राफी) के ट्रायल्स को देखने और संभावित खिलाड़ियों की सूची तैयार करने के लिए श्रीनगर में थे. पठान ने कहा था कि हमने जूनियर टीम ट्रायल्स के दूसरे चरण को फिलहाल स्थगित कर दिया है.चूंकि सरकारी परामर्श जारी किया गया है... मेरी जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ बैठक हुई ... उसमें तय हुआ कि लड़कों को वापस भेज दिया जाए.' विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने भी विद्यार्थियों को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया था कि यहां पूरे शहर तथा कश्मीर घाटी के अन्य खतरा संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं जो पिछले हफ्ते यहां पहुंचे थे. 

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उन्होंने बताया था कि शहर में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, हवाई अड्डे, केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे अहम प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. शहर में आने वाली सड़कों पर बैरीकेड लगाए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की.

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घंटे भर चली इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच ताजा झड़प हुई. सेना ने केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर BAT के हमले को विफल कर दिया और पांच-सात घुसपैठियों को मार गिराया. BAT में आम तौर पर पाकिस्तान सेना के विशेष सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी होते था.