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This Article is From Aug 20, 2020

एयरपोर्ट को लीज पर देने पर बोले नागरिक उड्डयन मंत्री, "केरल बोली लगाने में योग्य नहीं था"

नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल सरकार तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे की बोली प्रक्रिया की अर्हता को पूरी नहीं करती थी. उन्होंने कहा कि इस बोली प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया गया.

एयरपोर्ट को लीज पर देने पर बोले नागरिक उड्डयन मंत्री, "केरल बोली लगाने में योग्य नहीं था"
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल सरकार तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे की बोली प्रक्रिया की अर्हता को पूरी नहीं करती थी. उन्होंने कहा कि इस बोली प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया गया. केरल सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को अडानी एंटरप्राइजेज को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 50 साल के लिये पट्टे पर देने के फैसले का विरोध किया था.

हवाईअड्डों की 2019 की निजीकरण प्रक्रिया के बारे में पुरी ने ट्विटर पर कहा, “पट्टा हासिल करने वाली बोली में प्रति यात्री 168 रुपये शुल्क का जिक्र था जबकि केएसआईडीसी (केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम) ने प्रति यात्री 135 रुपये और बोली लगाने वाली तीसरी कंपनी ने 63 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई थी.”

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प्रति यात्री शुल्क 2019 की शुरुआत में हुई छह हवाईअड्डों की बोली प्रक्रिया का पैमाना था. यह छह हवाईअड्डे- लखनऊ, अहमदाबाद, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम थे. अडानी एंटरप्राइजेज ने इन छह हवाईअड्डों के लिये सबसे ज्यादा बोली लगाई थी.

पुरी ने कहा कि बोली प्रक्रिया से पहले केंद्र और केरल सरकार में यह सहमति बनी थी कि अगर केएसआईडीसी की बोली जीतने वाली बोली के 10 प्रतिशत के दायरे में रहती है तो हवाईअड्डे का पट्टा उसे दिया जाएगा. हालांकि अडानी की बोली और केएसआईडीसी की बोली में बोली प्रक्रिया के दौरान 19.64 प्रतिशत का अंतर था इसलिये अडानी को पट्टा हासिल हुआ.

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पुरी ने कहा, “इसलिये केरल सरकार को आरओएफआर (पहले खारिज करने का अधिकार) का विशेष प्रावधान दिये जाने के बावजूद वे पारदर्शी तरीके से हुई बोली प्रक्रिया के लिये अर्हता प्राप्त नहीं कर सके.” केरल सरकार ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन और संचालन का काम अडानी समूह को सौंपने के केंद्र के फैसले का विरोध करने और उस पर चर्चा करने के लिए बृहस्पतिवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई.

राज्य के वित्त मंत्री डॉ. थॉमस इसाक ने आज ट्वीट किया, “अडानी की बोली के बराबर बोली के प्रस्ताव के बावजूद केरल सरकार के दावे को खारिज कर तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को अडानी के हाथों दे दिया गया. केरल के प्रस्ताव को स्वीकार करने के पीएमओ के वादे को तोड़ा गया. केरल के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे.”

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