जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें प्रशासन की ओर से 'एक बार फिर उनके श्रीनगर के घर में हिरासत में ले लिया गया है.' पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख मुफ्ती ने अपने ट्विटर हैंडल पर दो वीडियो भी शेयर किए, जिसमें उन्हें बंद गेट के अंदर से दरवाजा खटखटाते हुए गेट खोलने की मांग करते हुए देखा जा सकता है.
महबूबा ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'विरोध के किसी भी स्वरूप को दबाने के लिए अवैध हिरासत भारत सरकार का पसंदीदा तरीका बन गया है. मुझे एक बार फिर हिरासत में ले लिया गया है क्योंकि मैं बडगाम जाना चाहती थी, जहां पर सैकड़ों परिवारों को उनके घरों से निकाल दिया गया है.' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि 'भारत सरकार बिना कोई सवाल पूछे जम्मू-कश्मीर के लोगों पर ज़ुल्म और अत्याचार करना चाहती है.'
GOI wants to continue inflicting oppression & zulm on the people of J&K without any questions asked. pic.twitter.com/pVXIdwcRB9
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 8, 2020
वीडियो में देखा जा सकता है कि वो गेट खटखटाते हुए कह रही हैं, 'दरवाजा खोलो, मुझे बाहर जाना है. मुझे पेपर्स दिखाइए कि किस कानून के तहत आपने मुझे हिरासत में लिया है?' वीडियो में उनके साथ कुछ सहयोगी और अन्य लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं. महबूबा को कहते हुए सुना जा सकता है कि 'बाद में उप-राज्यपाल और दूसरे लोग कहेंगे कि मुझे डिटेन नहीं किया गया था. किस तरह का मजाक है ये.'
बता दें कि पिछले साल अगस्त में मोदी सरकार ने जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तब जम्मू-कश्मीर के बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. सरकार का कहना था कि ऐसा न करने पर वहां पर अस्थिरता फैलाई जा सकती है. महबूबा को इस साल अक्टूबर में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया था. इसके बाद से ही वो मोदी सरकार पर हमलावर हैं.
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महबूबा ने अभी पिछले हफ्ते भी एक बार फिर खुद को नजरबंद किए जाने का आरोप लगाया था. उस वक्त अधिकारियों ने मुफ्ती को श्रीनगर में अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने से रोक दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी बेटी इल्तिज़ा को भी नजरबंद किया गया है. उन्होंने कहा था कि ‘श्रीनगर में मेरे आवास में प्रवेश करने से प्रेस को रोक दिया गया. ऐसा बिना किसी लिखित आदेश के किया गया. कश्मीर एक ‘‘खुली जेल'' बन गया है जहां किसी को भी अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है.' हालांकि, जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने उनके इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है.
Video: महबूबा मुफ्ती ने कहा- मुझे फिर से नजरबंद किया गया है
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