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बसपा मुखिया मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा दलित महापुरुषों के नाम पर बनाए गए सार्वजनिक स्थलों को फिजूलखर्ची और बसपा के भाईचारा अभियान को जातिवादी बताए जाने की निंदा की है।
मायावती ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले और अपनी सरकार बनने के बाद भी जनता को गुमराह किया जा रहा है। मायावती ने कहा है कि यह जग-जाहिर है कि ये सभी स्मारक, पार्क जनता के लिए हैं और जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। इन स्थलों पर टिकट की बिक्री से जहां सरकार को अच्छी-खासी आय होती है, वहीं ये स्थल 'पर्यटन स्थल' के रूप में भी विकसित हो गए हैं।
बसपा मुखिया ने अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार अगर डॉ. राम मनोहर लोहिया के नाम पर 'लोहिया पार्क' बना सकती है तो फिर बीएसपी सरकार के कार्यकाल में दलित महापुरुषों के नाम पर स्थापित किए गए स्थलों, जिलों एवं मेडिकल व इंजीनियरिंग संस्थानों पर उसे आपत्ति क्यों है? उन्होंने कहा कि एक नई साजिश के तहत पहली बार यह झूठ प्रचारित किया जा रहा है कि बीएसपी सरकार ने कोई मेडिकल कालेज नहीं बनवाया, जबकि सपा सरकार के मुखिया को ऐसी गलत बयानबाजी करने से पहले इस हकीकत का पता जरूर कर लेना चाहिए था कि बीएसपी की सरकार ने कन्नौज, जालौन व सहारनुपर जिलों में मेडिकल कालेज व झांसी में पैरा-मेडिकल कालेज खोलने के अलावा फैजाबाद व मिजार्पुर मंडल मुख्यालय में अतिविशिष्ट चिकित्सा सुविधायुक्त चिकित्सालय व निजी क्षेत्र के सहयोग से लखनऊ, आगरा, जालौन, बिजनौर, आजमगढ़, अंबेडकरनगर व सहारनपुर में अत्याधुनिक अस्पताल खोलने जैसे जनहित के बड़े व जरूरी काम किए।
मायावती ने कहा कि इसके साथ ही, नोएडा के जिला अस्पताल का उन्नयन एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक नया अस्पताल स्थापित कर 200-200 बेड के दो उच्चस्तरीय अस्पताल शुरू करने का काम किया गया। अब सपा सरकार हठधर्मी से उन पर अपना दावा कर रही है।