जोधपुर:
सीबीआई भंवरी देवी के कत्ल की गुत्थी पूरी तरह सुलझाने के करीब है। आज उसने इस मामले के दो अहम आरोपियों कैलाश जाखड़ और ओम प्रकाश को जालौड़ा गांव लाकर फिर मौका-ए-वारदात की शिनाख्त कराई।
इन दोनों को बाकायदा राजीव गांधी नहर में उतारा सीबीआई को यहां पहले भी एक बड़ा चाकू और कुछ कपड़े मिले थे और ताजा खबर यह है कि एक बैट मिला है, जिससे भंवरी को मारा गया। इस मामले को सीबीआई इतनी अहमियत दे रही है कि उसके डायरेक्टर भी जोधपुर पहुंचे हुए हैं। साफ है कि उसने अपनी तरफ से मामला लगभग सुलझा लिया है।
जालौड़ा भंवरी देवी के मामले का आखिरी पड़ाव है, जबकि भंवरी की कहानी काफी पहले से शुरू होती है। कई पेचों से भरी इस कहानी में असली मुजरिम की शिनाख्त अब भी बाकी है। यह पूरी कहानी शुरू होती है भंवरी देवी की गुमशुदगी से। 1 सितंबर को भंवरी देवी गायब हो गई। एक मामूली सी नर्स की गुमशुदगी की यह रिपोर्ट अचानक नेताओं और अफसरों को अपने घेरे में लेने लगी। धीरे−धीरे खुला यह राज कि भंवरी देवी के कई नेताओं से करीबी रिश्ते रहे। खासकर दो कांग्रेसी नेताओं महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह का नाम सामने आ गया। विवाद इतना बड़ा बना कि महिपाल मदेरणा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
आखिरकार मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई के सूत्र सारे तार जोड़कर जो कहानी तैयार कर रहे हैं, वे चाचौंकाने वाली है। बताया जा रहा है कि भंवरी देवी ने कई नेताओं और अफसरों की सीडी तैयार कर रखी थी। इनमें से महिपाल मदेरणा की सीडी सामने भी आ गई। यह भी कहा गया कि वह इन नेताओं से पैसे वसूल किया करती थी। अलग−अलग लोगों से पूछताछ और जांच में यह बात खुली कि भंवरी मामले में कई तहें हैं। शक के घेरे में कई लोग हैं।
इन दोनों को बाकायदा राजीव गांधी नहर में उतारा सीबीआई को यहां पहले भी एक बड़ा चाकू और कुछ कपड़े मिले थे और ताजा खबर यह है कि एक बैट मिला है, जिससे भंवरी को मारा गया। इस मामले को सीबीआई इतनी अहमियत दे रही है कि उसके डायरेक्टर भी जोधपुर पहुंचे हुए हैं। साफ है कि उसने अपनी तरफ से मामला लगभग सुलझा लिया है।
जालौड़ा भंवरी देवी के मामले का आखिरी पड़ाव है, जबकि भंवरी की कहानी काफी पहले से शुरू होती है। कई पेचों से भरी इस कहानी में असली मुजरिम की शिनाख्त अब भी बाकी है। यह पूरी कहानी शुरू होती है भंवरी देवी की गुमशुदगी से। 1 सितंबर को भंवरी देवी गायब हो गई। एक मामूली सी नर्स की गुमशुदगी की यह रिपोर्ट अचानक नेताओं और अफसरों को अपने घेरे में लेने लगी। धीरे−धीरे खुला यह राज कि भंवरी देवी के कई नेताओं से करीबी रिश्ते रहे। खासकर दो कांग्रेसी नेताओं महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह का नाम सामने आ गया। विवाद इतना बड़ा बना कि महिपाल मदेरणा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
आखिरकार मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई के सूत्र सारे तार जोड़कर जो कहानी तैयार कर रहे हैं, वे चाचौंकाने वाली है। बताया जा रहा है कि भंवरी देवी ने कई नेताओं और अफसरों की सीडी तैयार कर रखी थी। इनमें से महिपाल मदेरणा की सीडी सामने भी आ गई। यह भी कहा गया कि वह इन नेताओं से पैसे वसूल किया करती थी। अलग−अलग लोगों से पूछताछ और जांच में यह बात खुली कि भंवरी मामले में कई तहें हैं। शक के घेरे में कई लोग हैं।
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