मनोज वशिष्ठ एनकाउंटर : दिल्ली पुलिस के दावे को झुठलाता बागपत का सच

मनोज वशिष्ठ एनकाउंटर : दिल्ली पुलिस के दावे को झुठलाता बागपत का सच

नई दिल्‍ली:

मनोज वशिष्ठ के एनकाउंटर को लेकर भले ही दिल्ली पुलिस कुछ भी दावा करे लेकिन मनोज का गांव उसे अपराधी मानने को तैयार नहीं है। पुलिस के रिकॉर्ड में भी उसके खिलाफ 2007 में एक ठगी का मामला दर्ज है।

वैसे मनोज को लेकर पूरे बागपत में गुस्से की लहर है। वहां लोग दिल्ली पुलिस के पुतले जला रहे हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि मुठभेड़ के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। समाजवादी पार्टी से जुड़े सचिन चौहान कहते हैं, 'अगर दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग दिल्ली में जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे।'

बागपत से करीब सात किलोमीटर दूर पाबला में मनोज का घर है। घर में उसकी मां वीरमति का रोते रोते बुरा हाल है, कहती हैं चार दिनों से बेटे से बात नहीं हुई, मारने से पहले पुलिस वाले मुझसे तो पूछते कि वो कितना बड़ा बदमाश है। करीब आठ हजार की आबादी वाले इस गांव में कोई भी उसे अपराधी मानने को तैयार नहीं है।

बागपत के कोतवाल कृष्ण मुरारी कहते हैं कि मनोज के खिलाफ केवल एक मामला दर्ज है वो भी ठगी का। उसमें उसके पिता का नाम गलत है, लिहाजा यही मनोज है या दूसरा कह नहीं सकते। गांव के प्रधान ब्रह्म सिंह कहते हैं, वो तो बिजनेसमैन था उसे साजिश के तहत मारा गया।

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मनोज के साथ पढ़े संजय कहते हैं कि उसने तो दसवीं के परीक्षा में यूपी में टॉप किया था और उसका किसी से झगड़ा नहीं होता था, फिर भला वो कैसे दिल्ली पुलिस पर गोली चला सकता है। गांव वाले तो यहां तक दावा करते हैं कि मनोज ने 101 गरीब लड़कियों की शादी करवाई। गांव में कोई भी समाजिक काम हो उसमें वो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था।