
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले में घेरा है. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले कहा कि ऑक्सीजन से कोई मौत नहीं हुई, फिर जब सवाल उठे तो कहा गया कि हमने राज्यों से डाटा मांगा है. हमने कहा कि हमसे डाटा मांगो तो सही तो पता चला कि कोई चिट्ठी लिखने वाले थे. 13 अगस्त केंद्र सरकार ने डेटा भेजने को कहा था. असली बात ये है कि ऑक्सीजन की वजह से मौत हुई या नहीं हुई. हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखी है और बताया है कि दिल्ली में अब तक कुल 25,000 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं. इनमें से बिना जांच किए हुए यह कहना मुश्किल है कि कितने मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह हुई. अगर पर्याप्त ऑक्सीजन होती तो उनको बचाया जा सकता था. यह जांच का विषय है.
सिसोदिया ने आगे कहा कि यह सीधे-सीधे नहीं कहा जा सकता. अब अगर कोई यह कहे कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिल्ली में कोई मौत नहीं हुई तो यह मरीजों का मजाक उड़ाना होगा. उन अस्पतालों का मजाक उड़ाना होगा जो SOS भेज रहे थे कि ऑक्सीजन की कमी हो रही है. हमारे पास उस समय अस्पतालों से डॉक्टर और मरीजों के तीमारदारों के मैसेज आ रहे थे. मीडिया के हमारे मित्र जो मरीजों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील थे, उन्होंने बहुत से मैसेज भेजे.
सबसे पहले यह स्वीकार करना चाहिए कि ऑक्सीजन की कमी थी और उसके बाद इस बात की जांच करनी चाहिए कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितनी मौत हुईं. मैंने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा है कि बिना जांच किए हुए यह कहना सही नहीं होगा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई थी. दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इस मामले में दिल्ली सरकार ने जब जांच कराने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया तो केंद्र सरकार ने एलजी साहब से कहकर उस कमेटी को खारिज करवा दिया.
एक तरफ तो केंद्र सरकार कह रही है कि हमको डाटा बताओ, कहा जा रहा है कि हमने राज्यों से डाटा मांगा है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार राज्यों को जांच करने से रोक रही है. इस मेडिकल एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के आधार पर हम पीड़ित के परिवार को ₹5 लाख का मुआवजा भी देते, लेकिन केंद्र सरकार ने यह कमेटी खारिज करवा दी. मैंने केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री को लिखा है कि आपने जो 13 अगस्त तक का समय राज्यों को दिया है उसके जवाब में मुझे कहना है कि यह कहना सही नहीं होगा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई, लेकिन कितनी हुई थी उसके लिए जांच करवानी होगी. हम जांच समिति बनाने के लिए दोबारा एलजी साहब के पास फाइल भेज रहे हैं और आप एलजी साहब को कह दीजिए कि इस कमेटी को भंग ना करें, क्योंकि केंद्र सरकार भी जानना चाहती है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितनी मौत हुई.
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