फाइल फोटो
नई दिल्ली:
गायों और भैंसों के वध पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की वकालत करते हुए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि ऐसे किसी कदम को धार्मिक रंग देना गलत होगा।
मेनका गांधी ने एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैं समझती हूं कि गौवध और भैंस वध पर प्रतिबंध होना चाहिए। इसका कारण यह है कि इसमें 90 फीसदी गैर कानूनी है। कानून कहता है कि आप एक तय उम्र (14 या 16) के बाद उन्हें मार सकते हैं, लेकिन जो सब अभी मारी जा रही हैं वे या तो गर्भवती हैं या दुधारू गाय हैं।
उन्होंने कहा, क्योंकि यदि इन्हें निर्यात किया जाना है तो कोई भी उन्हें बूढा नहीं लेना चाहता। वे केवल उन्हीं को चाहते हैं, जो अपने जीवन के चरम पर हैं। मेनका ने कहा, इसके परिणामस्वरूप क्या आपने दूध पर इसका असर देखा है। उन्होंने कहा, देश में हमारे पास दूध नहीं है। दो साल पहले आई रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि इस देश में 80 फीसदी दूध फर्जी है और पूरे उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्य में वास्तव में कहीं दूध नहीं है और जो मिल रहा है वह केवल मिलावटी दूध है।
मेनका गांधी ने एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैं समझती हूं कि गौवध और भैंस वध पर प्रतिबंध होना चाहिए। इसका कारण यह है कि इसमें 90 फीसदी गैर कानूनी है। कानून कहता है कि आप एक तय उम्र (14 या 16) के बाद उन्हें मार सकते हैं, लेकिन जो सब अभी मारी जा रही हैं वे या तो गर्भवती हैं या दुधारू गाय हैं।
उन्होंने कहा, क्योंकि यदि इन्हें निर्यात किया जाना है तो कोई भी उन्हें बूढा नहीं लेना चाहता। वे केवल उन्हीं को चाहते हैं, जो अपने जीवन के चरम पर हैं। मेनका ने कहा, इसके परिणामस्वरूप क्या आपने दूध पर इसका असर देखा है। उन्होंने कहा, देश में हमारे पास दूध नहीं है। दो साल पहले आई रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि इस देश में 80 फीसदी दूध फर्जी है और पूरे उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्य में वास्तव में कहीं दूध नहीं है और जो मिल रहा है वह केवल मिलावटी दूध है।
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