प्रोफेसर टी जोसेफ (फाइल फोटो)
पांच साल पहले केरल के प्रोफेसर का हाथ काटने के मुख्य आरोपी ने कोच्चि के एक कोर्ट में आत्म-समर्पण कर दिया है। 2010 में प्रोफेसर टी जोसेफ पर हमला करने के मामले में इस साल मई के महीने में 13 लोगों को दोषी करार दे दिया गया है। चर्च से घर लौट रहे जोसेफ पर कट्टरपंथी संगठन पीएफआई (पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के सदस्यों ने हमला किया था जिनमें से 10 को 8 साल की सज़ा सुनाई गई है, वहीं इस पूरे हमले की योजना बनाने वाले एम के नसीर को वारदात के दिन से लापता बताया जा रहा था।
कोच्चि से 10 किमो दूर इडुक्की जिले के कॉलेज में मल्यालम पढ़ाने वाले प्रोफेसर जोसेफ ने 2010 की एक परीक्षा में सवाल पूछा था जिसे इस संगठन द्वारा 'धर्म द्रोही' बताया गया। इसका विरोध करते हुए कुछ लोगों ने मिलकर प्रोफेसर का चाकू से हाथ काट दिया, बाद में डॉक्टरों ने उनकी सीधी हथेली को दोबारा सिलने का काम किया। अपराधियों को सज़ा सुनाए जाने के बाद एनडीटीवी से बातचीत में प्रोफेसर ने कहा था 'मैंने सबको माफ कर दिया है। मैं मौजूदा हालात में बस जितना हो सके एक सामान्य जिंदगी बिताना चाहता हूं।'
हमले के बाद धार्मिक संगठनों की मांग पर प्रोफेसर को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया था। आर्थिक परेशानियों और सामाजिक तिरस्कार के बाद उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद प्रोफेसर जोसेफ को काम पर वापिस बुला लिया गया था और वह पिछले साल ही रिटायर हुए हैं।
कोच्चि से 10 किमो दूर इडुक्की जिले के कॉलेज में मल्यालम पढ़ाने वाले प्रोफेसर जोसेफ ने 2010 की एक परीक्षा में सवाल पूछा था जिसे इस संगठन द्वारा 'धर्म द्रोही' बताया गया। इसका विरोध करते हुए कुछ लोगों ने मिलकर प्रोफेसर का चाकू से हाथ काट दिया, बाद में डॉक्टरों ने उनकी सीधी हथेली को दोबारा सिलने का काम किया। अपराधियों को सज़ा सुनाए जाने के बाद एनडीटीवी से बातचीत में प्रोफेसर ने कहा था 'मैंने सबको माफ कर दिया है। मैं मौजूदा हालात में बस जितना हो सके एक सामान्य जिंदगी बिताना चाहता हूं।'
हमले के बाद धार्मिक संगठनों की मांग पर प्रोफेसर को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया था। आर्थिक परेशानियों और सामाजिक तिरस्कार के बाद उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद प्रोफेसर जोसेफ को काम पर वापिस बुला लिया गया था और वह पिछले साल ही रिटायर हुए हैं।