
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा का ठीकरा राज्य निर्वाचन आयोग के सिर फोड़ दिया। ममता ने कहा कि पंचायत चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग ने कराए और सरकार ने आयोग को जरूरी पुलिसकर्मी मुहैया कराए थे।
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कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा का ठीकरा राज्य निर्वाचन आयोग के सिर फोड़ दिया। ममता ने कहा कि पंचायत चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग ने कराए और सरकार ने आयोग को जरूरी पुलिसकर्मी मुहैया कराए थे।
चुनावी हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति दुख जाहिर करते हुए ममता ने तृणमूल कांग्रेस की वेबसाइट पर अपने एक लेख में कहा, ‘हर मौत एक त्रासदी है, जहां यह मायने नहीं रखता कि मरने वाला किस पार्टी से ताल्लुक रखता था। एक परिवार अपने एक बहुमूल्य सदस्य को खो देता है जिसे फिर कभी वापस नहीं लाया जा सकता। चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कराए जाते हैं, सरकार द्वारा नहीं। राज्य निर्वाचन आयोग की जरूरत के मुताबिक उसे पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराया गया था।’
सोमवार को होने वाले चौथे चरण के पंचायत चुनावों से पहले 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
पंचायत चुनाव कराने के मुद्दे पर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच ठनी हुई थी। दोनों ने इस सिलसिले में अदालत का भी रुख किया था।
लोगों से शांति बनाए रखने और अपने मताधिकार का प्रयोग स्वतंत्र होकर करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता को लोकतंत्र की ताजा हवा का आनंद लेना चाहिए, जो दशकों से लोगों को नहीं मिल पा रही थी।
पांच चरण में चुनाव कराने की मांग को लेकर ममता ने कांग्रेस, माकपा और भाजपा को भी आड़े हाथ लिया।
चुनावी हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति दुख जाहिर करते हुए ममता ने तृणमूल कांग्रेस की वेबसाइट पर अपने एक लेख में कहा, ‘हर मौत एक त्रासदी है, जहां यह मायने नहीं रखता कि मरने वाला किस पार्टी से ताल्लुक रखता था। एक परिवार अपने एक बहुमूल्य सदस्य को खो देता है जिसे फिर कभी वापस नहीं लाया जा सकता। चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कराए जाते हैं, सरकार द्वारा नहीं। राज्य निर्वाचन आयोग की जरूरत के मुताबिक उसे पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराया गया था।’
सोमवार को होने वाले चौथे चरण के पंचायत चुनावों से पहले 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
पंचायत चुनाव कराने के मुद्दे पर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच ठनी हुई थी। दोनों ने इस सिलसिले में अदालत का भी रुख किया था।
लोगों से शांति बनाए रखने और अपने मताधिकार का प्रयोग स्वतंत्र होकर करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता को लोकतंत्र की ताजा हवा का आनंद लेना चाहिए, जो दशकों से लोगों को नहीं मिल पा रही थी।
पांच चरण में चुनाव कराने की मांग को लेकर ममता ने कांग्रेस, माकपा और भाजपा को भी आड़े हाथ लिया।
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