देश में कोरोना का कहर जारी है. देश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमितों की संख्या 21 हजार से ज्यादा हो गई है, वहीं अब तक 680 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने NDTV से कहा कि सरकार 4 मई से लॉकडाउन (Lockdown) हटाने पर तीन चरणों में काम शुरू होना चाहिए. इसके साथ-साथ उन्होंने कुछ सलाह भी दी है. उन्होंने हालांकि कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी बंद रहे और लंबी दूरी की ट्रेंनें भी बंद रखी जाएं.
इससे पहले ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को एक खुला पत्र लिखा जिसमें कोविड-19 (COVID-19) के कारण हुई मौतों के कारणों की गलत रिपोर्टिंग होने (Misreporting of Data)और बेहद कम टेस्ट (Gross Under-Testing) होने पर चिंता जताई है. खुद को बंगाली डॉक्टर, हेल्थ साइंटिस्ट और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बताते हुए इन लोगों ने कहा कि पूरे देश में कोरोना वायरस की पर्याप्त टेस्टिंग न होने के कारण वे चिंतित हैं और पश्चिम बंगाल में यह स्थिति और भी ज्यादा परेशान करने वाली है.
पत्र में कहा गया है कि पिछले एक-डेढ़ सप्ताह में, हमने पश्चिम बंगाल में कोविड-19 को लेकर बढ़ती चिंताओं को देखा है. दो विशिष्ट मुद्दे हैं जो हमारे लिए सबसे अधिक परेशान करने वाले है- एक: पश्चिम बंगाल में बेहद कम टेस्ट हो रहे हैं और दो: कोविड-19 के मरीजों की मौत के कारणों को लेकर गलत रिपोर्टिंग की जा रही है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, डॉक्टरों ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने प्रतिदिन लगभग 33.7 टेस्ट किए हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 156.9 प्रति मिलियन है जबकि एक दिन में लगभग 1,000 टेस्ट किए जाने की क्षमता है.
पत्र में कहा गया है, "वास्तव में प्रभावित मामलों की संख्या टेस्ट की सीमा, उनके रिजल्ट की सटीकता और विशेष रूप से, लक्षण न दिखने की स्थिति में टेस्ट की आवृत्ति और पैमाने (फ्रिक्वेंसी और स्केल) पर निर्भर करती है, जिसका पता लगाया जा सकता है."
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