बंगाल चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल करने के बावजूद ममता बनर्जी को नंदीग्राम में हार का सामना करना पड़ा था. अपने पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी को उनके गढ़ में चुनौती देने के लिए ममता ने अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से चुनाव न लड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था. अब वह भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. बंगाल विधानसभा चुनावों में भवानीपुर से जीतने वाले तृणमूल विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने आज दोपहर बंगाल विधानसभा से अपना इस्तीफा सौंप दिया ताकि ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ सकें.
विधानसभा अध्यक्ष बिमन बंदोपाध्याय को अपना इस्तीफा सौंपने के दौरान चट्टोपाध्याय ने एनडीटीवी से कहा, "ममता बनर्जी आने वाले छह महीनों में भवानीपुर से चुनाव लड़ेंगी." वह छह महीने तक कृषि मंत्री के रूप में बने रहेंगे, इस दौरान वे विधानसभा में लौटने के लिए दूसरी सीट से चुनाव लड़ेंगे.
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बंगाल चुनाव में लगातार तीसरी बार प्रचंड जीत हासिल करने वाली ममता बनर्जी नंदीग्राम में भाजपा के सुवेंदु अधिकारी और अपने पूर्व सहयोगी से एक छोटे अंतर से चुनाव हार गईं थीं. मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी को छह महीने के भीतर उपचुनाव लड़ना होगा और राज्य विधानसभा की सदस्य बनना होगा. संविधान के अनुच्छेद 164 के मुताबिक एक मंत्री जो छह महीने के भीतर विधायक नहीं है उसे इस्तीफा देना पड़ता है.
सुवेंदु अधिकारी के टीएमसी छोड़ने के हफ्तों बाद ममता बनर्जी ने 18 जनवरी को एक रैली में घोषणा की थी कि वह भवानीपुर के बजाय नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. भवानीपुर से जीतकर ममता ने 2011 और 2016 में विधानसभा का रुख किया था. भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी वोटर भी हैं.
उन्होंने रैली में कहा था, "मैं नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी, नंदीग्राम मेरे लिए भाग्यशाली जगह है." तब उन्होंने भवानीपुर के मतदाताओं से अपने फैसले को समझने का आग्रह किया था.
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"नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है, भवानीपुर मेरी छोटी बहन है..अगर संभव हुआ तो मैं दोनों जगह से चुनाव लड़ूंगी. अगर मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पाई तो मेरी जगह कोई और चुनाव लड़ेगा."
चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई भाजपा नेताओं ने ममता को "दूसरी सीट से चुनाव लड़ने" के बारे में तंज कसा था और सवाल किया था कि क्या वह नंदीग्राम में हारने से घबराई हुई हैं. ममता ने बनर्जी ने इस संभावना का जोरदार खंडन किया था.
80 वर्षीय शोभनदेव चट्टोपाध्याय 2016 में रासबिहारी सीट से विधायक थे और पिछले कार्यकाल में बिजली मंत्री थे. इस बार उन्हें भाजपा के अभिनेता-राजनेता रुद्रनील घोष के खिलाफ भवानीपुर से उम्मीदवार बनाया गया था. उन्होंने घोष को हराया और 9 मई को कृषि मंत्री के रूप में शपथ ली.
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