बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजता के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. ममता बनर्जी ने एक ट्वीट किया, 'माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को एक मौलिक अधिकार घोषित किये जाने के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं.' यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जिससे सभी भारतीयों का जीवन प्रभावित होगा. उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से घोषणा की कि संविधान के तहत निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना जाए.
पढ़ें, राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला फासीवादी ताकतों को झटका : राहुल गांधी
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
गौरतलब है कि एक बेहद अहम फैसले के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार, यानी राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकारों, यानी फन्डामेंटल राइट्स का हिस्सा करार दिया है. नौ जजों की संविधान पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए कहा कि राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्रदत्त जीवन के अधिकार का ही हिस्सा है. राइट टू प्राइवेसी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आती है. अब लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी. हालांकि आधार को योजनाओं से जोड़ने पर सुनवाई आधार बेंच करेगी. इसमें 5 जज होंगे.
इनपुटः भाषा
We welcome this verdict by Honourable Supreme Court #RightToPrivacy is a Fundamental Right
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 24, 2017
पढ़ें, राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला फासीवादी ताकतों को झटका : राहुल गांधी
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
गौरतलब है कि एक बेहद अहम फैसले के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार, यानी राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकारों, यानी फन्डामेंटल राइट्स का हिस्सा करार दिया है. नौ जजों की संविधान पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए कहा कि राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्रदत्त जीवन के अधिकार का ही हिस्सा है. राइट टू प्राइवेसी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आती है. अब लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी. हालांकि आधार को योजनाओं से जोड़ने पर सुनवाई आधार बेंच करेगी. इसमें 5 जज होंगे.
इनपुटः भाषा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं