पुलिस की गिरफ्त में मुंबई जहरीली शराब त्रासदी का मुख्य आरोपी
मुंबई:
मालवणी जहरीली शराब कांड में नया और हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि लोग शराब नहीं बल्कि केमिकल पीकर मरे हैं। यानी शराब माफिया लोगों को शराब के नाम पर जानलेवा केमिकल पिला रहे थे।
इस बीच मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच ने शराब कांड के फरार आरोपी मंसूर लतीफ खान उर्फ अतीक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
मालवणी जहरीली शराब कांड मे अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 के करीब अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। एक मरीज ने आंख की रोशनी कम होने की शिकायत की है। इस बीच हादसे की गंभीरता को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोषियों को फांसी के फंदे तक पंहुचाने की बात कही।
जांच में पता चला है कि मामले का मुख्य आरोपी फ्रांसिस पिछले चार साल से शराब के नाम पर पानी में केमिकल मिलाकर लोगों को पिला रहा था। इसके लिए वह जरूरी मेथेनॉल गुजरात से आरोपी अतिक के जरिए मंगवाता था।
अतिक कभी सड़क के रास्ते, तो कभी समंदर के रास्ते पीपे मे भरकर मेथेनॉल मालवणी मे रातोडी के अड्डे पर भेजता था। वहां एक तहखाने में फ्रांसिस अपने साथी गौतम के जरिए पानी मिलाकर उसे शराब का रुप देता था, जिसे बाद में राजू लंगड़ा, ममता और ग्रेसी आंटी लक्ष्मी नगर इलाके में बेचते थे और ये सब भी बेचने से पहले उसमें और पानी मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा देते थे।
इस तरह तकरीबन 80 डिग्री का मेथेनॉल करीब 17 से 18 डिग्री तक का हो जाता था। इसलिए इतने साल केमिकल ने एकदम से असर नहीं किया, लेकिन बुधवार की रात यानी 17 जून को लगता है कि मेथेनॉल और पानी की मात्रा में ग़ड़बड़ हो गई और जहर ने अपना काम कर दिया।
इस बीच मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच ने शराब कांड के फरार आरोपी मंसूर लतीफ खान उर्फ अतीक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
मालवणी जहरीली शराब कांड मे अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 के करीब अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। एक मरीज ने आंख की रोशनी कम होने की शिकायत की है। इस बीच हादसे की गंभीरता को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोषियों को फांसी के फंदे तक पंहुचाने की बात कही।
जांच में पता चला है कि मामले का मुख्य आरोपी फ्रांसिस पिछले चार साल से शराब के नाम पर पानी में केमिकल मिलाकर लोगों को पिला रहा था। इसके लिए वह जरूरी मेथेनॉल गुजरात से आरोपी अतिक के जरिए मंगवाता था।
अतिक कभी सड़क के रास्ते, तो कभी समंदर के रास्ते पीपे मे भरकर मेथेनॉल मालवणी मे रातोडी के अड्डे पर भेजता था। वहां एक तहखाने में फ्रांसिस अपने साथी गौतम के जरिए पानी मिलाकर उसे शराब का रुप देता था, जिसे बाद में राजू लंगड़ा, ममता और ग्रेसी आंटी लक्ष्मी नगर इलाके में बेचते थे और ये सब भी बेचने से पहले उसमें और पानी मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा देते थे।
इस तरह तकरीबन 80 डिग्री का मेथेनॉल करीब 17 से 18 डिग्री तक का हो जाता था। इसलिए इतने साल केमिकल ने एकदम से असर नहीं किया, लेकिन बुधवार की रात यानी 17 जून को लगता है कि मेथेनॉल और पानी की मात्रा में ग़ड़बड़ हो गई और जहर ने अपना काम कर दिया।
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