2008 मालेगांव ब्लास्ट : 2 गवाह पलटे, कहा एटीएस के दबाव में दिया था बयान

2008 मालेगांव ब्लास्ट : 2 गवाह पलटे, कहा एटीएस के दबाव में दिया था बयान

कर्नल श्रीकांत पुरोहित (फाइल फोटो)

मालेगांव 2008 धमाकों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दोहरा झटका लगा है। एक तो मामले  में अहम 7 गवाहों के बयान की कॉपी नहीं मिल रही, दूसरा - दो अहम गवाह अपने पुराने बयान से पलट गए हैं। 6 अप्रैल को दिल्ली में मजिस्ट्रेट के सामने सी आर पी सी की धारा 164 के तहत दिये बयान में दोनों गवाहों ने कहा है कि तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस ने उनसे डरा धमका कर बयान लिया था। मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान की कॉपी एनडीटीवी के पास मौजूद है।
 


मजिस्ट्रेट को हिंदी में दिए बयान में एक गवाह ने कहा है 'इनके फरीदाबाद और भोपाल की मीटिंग में मेरे सामने किसी ने भी बम फोड़ने या किसी को मारने या दंगा करने की चर्चा नही की।' गवाह ने आगे कहा है कि बम फोड़ने वाली बात 'मैंने पहले कभी अपने बयान में कहा ही नहीं है।'
 

पुराना बयान निराधार
वहीं दूसरे गवाह ने अपने बयान में कहा है - 'जब एटीएस मुझे भोपाल के मंदिर में ले गई तो वहां मुझे कहा गया कि जब भी तुम्हारा बयान हो तो यह कहना कि राम मंदिर पर शंकराचार्य रुका था। पूरा बयान उन्होंने ही लिखा था, मुझे तो कॉपी भी नहीं दी थी। मेरा पुराना बयान निराधार है क्योंकि मैं कभी भोपाल नहीं गया और कोई मीटिंग अटेंड नहीं की।'

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29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाके में 4 लोगों की मौत हुई थी और 80 के आसपास लोग घायल हो गए थे। महाराष्ट्र एटीएस ने तब अपनी तहकीकात के बाद हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें साध्वी प्रज्ञा प्रमुख हैं। इसके अलावा सेना से जुड़े कर्नल पुरोहित को भी मामले में गिरफ्तार किया गया है। पहले समझौता ब्लास्ट में कर्नल पुरोहित को क्लीन चिट फिर मालेगांव 2008 धमाकों के 2 अहम गवाहों के मुकरने को संदेह की नजर से देखा जा रहा है।