बेंगलुरु:
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने येदियुरप्पा की ओर से किसी तरह का अल्टीमेटम मिलने से भी इनकार किया। गडकरी ने कहा कि पार्टी येदियुरप्पा का सम्मान करती है। कहा जा रहा था कि येदियुरप्पा ने बीजेपी आलाकमान को 27 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सुबह बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात की। यह मुलाकात एक होटल में हुई और सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई। गडकरी बीजेपी की चिंतन बैठक में हिस्सा लेने बेंगलुरु गए हैं। यह बैठक पहले दो दिन की होने वाली थी लेकिन येदियुरप्पा और गडकरी की इस मुलाकात के बाद इसे घटाकर एक दिन कर दिया गया है। येदियुरप्पा के अल्टीमेटम के बाद कर्नाटक की सियासत गरमा गई है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 27 फरवरी तक उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने पर जोर दिया था, लेकिन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनके उत्तराधिकारी सदानंद गौड़ा को मुख्यमंत्री पद से हटाने से इनकार कर दिया है। येदियुरप्पा को करीब छह माह पहले अवैध खनन मामले में लोकायुक्त द्वारा आरोपित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के सामने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह और अधिक इंतजार नहीं कर सकते। भाजपा की ‘चिंतन मंथन बैठक’ से पहले गडकरी ने शुक्रवार सुबह येदियुरप्पा से मुलाकात की और मतभेद दूर करने की कोशिश में मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा से अलग से मुलाकात की।
केंद्रीय नेतृत्व कर्नाटक में पार्टी में बंटवारा नहीं चाहता और इसीलिए येदियुरप्पा को शांत करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। जब उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटने को कहा गया था, तब दो केंद्रीय नेताओं अरुण जेटली और वेंकैया नायडू को यह मुद्दा परस्पर सहमति से सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
वर्तमान संकट का नतीजा क्या होगा, कहा नहीं जा सकता, क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व येदियुरप्पा को बागडोर फिर से सौंपना नहीं चाहता। बहरहाल, भाजपा के प्रति निष्ठा रखने वाले लिंगायत समुदाय पर उनकी पकड़ और कर्नाटक में पार्टी को खड़ा करने में अहम भूमिका, ये दोनों तथ्य येदियुरप्पा के पक्ष में जा रहे हैं। येदियुरप्पा ने कभी अपने शत्रु समझे जाने वाले ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री जगदीश शेट्टार को अपना मित्र बना लिया है और यह बात भी पार्टी नेतृत्व की चिंता का कारण है।
अपने आवास पर गुरुवार को हुई एक बैठक में येदियुरप्पा ने अपने समर्थकों से खुद को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने का आह्वान किया। आगामी 27 फरवरी को 70 बरस के होने जा रहे येदियुरप्पा ने उस दिन अपने यहां आयोजित भोज समारोह में सभी समर्थक विधायकों को आमंत्रित किया है।
इनपुट भाषा से भी)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सुबह बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात की। यह मुलाकात एक होटल में हुई और सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई। गडकरी बीजेपी की चिंतन बैठक में हिस्सा लेने बेंगलुरु गए हैं। यह बैठक पहले दो दिन की होने वाली थी लेकिन येदियुरप्पा और गडकरी की इस मुलाकात के बाद इसे घटाकर एक दिन कर दिया गया है। येदियुरप्पा के अल्टीमेटम के बाद कर्नाटक की सियासत गरमा गई है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 27 फरवरी तक उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने पर जोर दिया था, लेकिन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनके उत्तराधिकारी सदानंद गौड़ा को मुख्यमंत्री पद से हटाने से इनकार कर दिया है। येदियुरप्पा को करीब छह माह पहले अवैध खनन मामले में लोकायुक्त द्वारा आरोपित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के सामने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह और अधिक इंतजार नहीं कर सकते। भाजपा की ‘चिंतन मंथन बैठक’ से पहले गडकरी ने शुक्रवार सुबह येदियुरप्पा से मुलाकात की और मतभेद दूर करने की कोशिश में मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा से अलग से मुलाकात की।
केंद्रीय नेतृत्व कर्नाटक में पार्टी में बंटवारा नहीं चाहता और इसीलिए येदियुरप्पा को शांत करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। जब उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटने को कहा गया था, तब दो केंद्रीय नेताओं अरुण जेटली और वेंकैया नायडू को यह मुद्दा परस्पर सहमति से सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
वर्तमान संकट का नतीजा क्या होगा, कहा नहीं जा सकता, क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व येदियुरप्पा को बागडोर फिर से सौंपना नहीं चाहता। बहरहाल, भाजपा के प्रति निष्ठा रखने वाले लिंगायत समुदाय पर उनकी पकड़ और कर्नाटक में पार्टी को खड़ा करने में अहम भूमिका, ये दोनों तथ्य येदियुरप्पा के पक्ष में जा रहे हैं। येदियुरप्पा ने कभी अपने शत्रु समझे जाने वाले ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री जगदीश शेट्टार को अपना मित्र बना लिया है और यह बात भी पार्टी नेतृत्व की चिंता का कारण है।
अपने आवास पर गुरुवार को हुई एक बैठक में येदियुरप्पा ने अपने समर्थकों से खुद को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने का आह्वान किया। आगामी 27 फरवरी को 70 बरस के होने जा रहे येदियुरप्पा ने उस दिन अपने यहां आयोजित भोज समारोह में सभी समर्थक विधायकों को आमंत्रित किया है।
इनपुट भाषा से भी)
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