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This Article is From Jun 13, 2020

सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, परिजन शव ढूंढते रहे, किसी और ने दफना भी दिया

गांधी अस्पातल द्वारा शवों के बदलन की इस सप्ताह में यह दूसरी घटना है. तीन दिन पहले, एक 48 वर्षीय व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय उसकी पत्नी को पता चला कि यह उसके पति का शरीर नहीं था.

सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, परिजन शव ढूंढते रहे, किसी और ने दफना भी दिया
प्रतिकात्मक तस्वीर
हैदराबाद:

कोरोनावायरस के इलाज के लिए निर्धारित हैदराबाद के इकलौते सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां से लापता हुए शव को किसी और परिवार ने अपना परिजन समझ कर दफना दिया. आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला. मृतक के परिवार के मुताबिक इस शख्स को सांस लेने में तकलीफ के चलते रविवार को हैदराबाद के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया. पिता ने बताया, अस्पताल ने मरीज को वेंटिलेटर पर रखने का खर्च बताया. अस्पताल ने एक दिन के इलाज का खर्च 50 हजार से 1 लाख रुपये तक बताया जो कि इस परिवार के वहन कर पाना मुश्किल था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसके लिए हां कर दी. मंगलवार को, उन्हें बताया गया कि मरीज को राजकीय गांधी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. 

पिता ने बताया, 'मेरे बेटे का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया था, इसलिए हमें समझ में नहीं आया कि उसे COVID-19 विशेष सुविधा में स्थानांतरित क्यों किया गया.' बुधवार को गांधी अस्पताल द्वारा परिवार को बताया गया कि उनके मरीज की मौत हो गई है. लेकिन जब परिवार के सदस्य अपने बेटे का पार्थिव शरीर लेने के लिए अस्पताल पहुंचे तो उन्हें नहीं मिला. मृतक के भाई ने बताया, 'उन्होंने मुझे कम से कम 13 शव दिखाए लेकिन उनमे से कोई भी मेरे भाई का नहीं था.'

मदद की अपील करने के साथ परिवार ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अधिकारियों से शव का पता लगाने के लिए कहा. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में परिवार ने कहा, 'हम उसे सम्मानजनक अतिंम विदाई देना चाहते है, हमारी मदद करें.'

भाई ने कहा, “जांच के दौरान, स्थानीय पुलिस ने हमें सूचित किया है कि उसके शव को पहले ही एक और परिवार द्वारा 10 जून को दफनाया जा चुका है. COVID-19 के कारण गांधी अस्पताल में एक और व्यक्ति की मौत हो गई है. परिवार भ्रमित हो गया और उसके शव को कब्रिस्तान ले गया और अतिंम रस्म अदा की "

गांधी अस्पातल द्वारा शवों के बदलन की इस सप्ताह में यह दूसरी घटना है. तीन दिन पहले, एक 48 वर्षीय व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय उसकी पत्नी को पता चला कि यह उसके पति का शरीर नहीं था.

देश के कई हिस्सों में मेडिकल सुविधाओं की भारी कमी के साथ कोरोनोवायरस के मामलों में रोगियों और शवों की गलत सूचना दिए जाने या परिवारों तक पहुंचने की सूचना के बिना स्थानांतरित होने की खबरें आई हैं. बता दें कि तेलंगाना में 4,320 कोरोनोवायरस मामले और 165 लोगों की मौत हो चुकी है. 

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