शिवसेना के विधायकों ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित कर, महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन पर “अंतिम निर्णय” लेने के लिए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को अधिकृत किया. ठाकरे की अध्यक्षता में उनके बांद्रा स्थित आवास “मातोश्री” में हुई पार्टी के विधायकों की बैठक समाप्त होने के बाद, सभी विधायक रंगशारदा होटल गए, जो पार्टी प्रमुख के आवास के नजदीक में ही स्थित है. सरकार गठन को लेकर अनिश्चितता और विधायकों के दल-बदल की आशंका के बीच इन विधायकों को इस होटल में ठहराया गया.
शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने कहा, “मौजूदा स्थिति में सभी विधायकों का साथ रहना जरूरी है. उद्धव जी जो भी फैसला लेंगे, हम सब उसे मानने के लिए बाध्य होंगे.” ठाकरे की अगुवाई में पार्टी के सभी विधायकों की बैठक एक घंटे तक चली जिसमें राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई और विधायकों ने दोहराया कि लोकसभा चुनावों से पहले “पदों एवं जिम्मेदारियों की समान साझेदारी” के जिस फार्मूले पर सहमति बनी थी उसे लागू किया जाए.
पार्टी मुख्यमंत्री पद को ढाई-ढाई साल की अवधि के लिए भाजपा के साथ साझा करने के अपने फैसले पर भी अडिग नजर आई. पार्टी विधायक शंभुराजे देसाई ने बैठक समाप्त होने के बाद संवाददाताओं को बताया, “शिवसेना विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार गठन के संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया.”
वहीं शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा, “अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा. उद्धव जी सरकार गठन पर अंतिम निर्णय लेंगे.” अन्य विधायक ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि ठाकरे राज्य की मौजूदा स्थितियों से “आहत” हैं. विधायक ने कहा, “उन्हें (ठाकरे) लगता है कि मुद्दों को बैठकर बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके उलट, जो तय हुआ उससे इनकार किया गया. उद्धव जी ने कहा कि वह भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ना नहीं चाहते. उनको बस इतनी उम्मीद है कि जो तय हुआ था उसे लागू किया जाए.”
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विधायक ने कहा, “उन्होंने हमसे इंतजार करने को कहा है.” उधर, शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि सरकार गठन पर शिवसेना के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. सभी विधायक उद्धव का समर्थन करते हैं. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार लोग राज्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर कहा कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा.
शिवसेना अपने उस रुख पर कायम है कि लोकसभा चुनावों से पहले इस साल फरवरी में, यह तय हुआ था कि भाजपा और पार्टी के बीच पदों एवं जिम्मेदारियों को साझा किया जाएगा. शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं भाजपा ने इससे साफ इनकार कर दिया है. भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई है जिससे 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गठबंधन को 161 सीट मिलने के बावजूद सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है. 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं.
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