विज्ञापन
This Article is From Apr 25, 2022

महाराष्ट्र: गृहमंत्री दिलीप वलसे ने लाउडस्पीकर मसले पर बुलाई थी बैठक, बीजेपी से कोई नहीं पहुंचा

गृहमंत्री दिलीप वलसे ने कहा कि हमने पहले तय किया था कि कुछ गाइडलाइन बनाएंगे, लेकिन अब तय हुआ है कि जो पहले से गाइडलाइन हैं, उसे देखा जाएगा कि क्या वो काफी हैं या उसमें बदलाव करने की ज़रूरत है. वहीं नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया उसमें रात 10 से सुबह 6 बजे तक स्पीकर के इस्तेमाल पर निर्णय दिया है और स्पीकर के शोर के डेसिबल पर निर्णय दिया

महाराष्ट्र: गृहमंत्री दिलीप वलसे ने लाउडस्पीकर मसले पर बुलाई थी बैठक, बीजेपी से कोई नहीं पहुंचा
पुलिस कायदा और सुव्यवस्था बनाए रखने का काम करेगी.
मुंबई:

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद पिछले कुछ दिनों से देशभर में चर्चा का विषय बन चुका है. राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल और उसकी भूमिका पर कई राजनैतिक पार्टियां अपनी भूमिका व्यक्त करते हुए कुछ एक डेडलाइन उन्होंने तय की. इसी संदर्भ में मैंने आज एक बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को बुलाया था. जिसमें कई पार्टी के नेता आए, लेकिन बीजेपी से कोई शामिल नहीं हुआ.

दिलीप वलसे ने कहा कि हमने पहले तय किया था कि कुछ गाइडलाइन बनाएंगे, लेकिन अब तय हुआ है कि जो पहले से गाइडलाइन हैं, उसे देखा जाएगा कि क्या वो काफी हैं या उसमें बदलाव करने की ज़रूरत है. वहीं नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया उसमें रात 10 से सुबह 6 बजे तक स्पीकर के इस्तेमाल पर निर्णय दिया है और स्पीकर के शोर के डेसिबल पर निर्णय दिया

इस बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई और राज्य सरकार ने कायदा और सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी प्रयत्न करते हुए कार्रवाई करने की बात की है. सवाल यह है कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में निर्णय दिया. इसके बाद दूसरे अदालतों ने भी निर्णय दिया और उसके आधार पर साल 2015 से 2017 के बीच राज्य सरकार ने कुछ GR जारी किया था और उसमें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल और उसके लिए जो नियम है, कितना डेसिबल का यह हो सकता है यह सब मौजूद है, तबसे राज्य में इसी तरह से लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो रहा है.

अब कुछ कह रहे हैं कि अगर 3 मई तक लाउडस्पीकर नहीं निकाला गया तो हम हनुमान चालीसा करेंगे ऐसा कह रहे है. सरकार लाउडस्पीकर नहीं निकाल सकती है, जिसने लगाए हैं उसे ही निर्णय लेना है. आज अज़ान पर चर्चा हुई और उसमें यह चर्चा हुई कि अगर एक समाज को लेकर हम कोई फैसला लेते हैं तो दूसरे समाज पर इसका असर क्या होगा. खेडेगांव में भी रोज़ सुबह स्पीकर पर भजन आरती होती है, नवरात्रि में इसका इस्तेमाल होता है. सभी के लिए एक भूमिका लेना होगा, अलग अलग भूमिका नहीं लिया जा सकता है. पुलिस कायदा और सुव्यवस्था बनाए रखने का काम करेगी.

ये भी पढ़ें: “पीएम के राज्य गुजरात में भी ऐसा ही हुआ”: तमिलनाडु में राज्यपाल की शक्ति कम करने पर बोले सीएम स्टालिन

यह सब करते समय स्पीकर के मुद्दे पर ऐसा भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्णय दिए जाने के बाद यह देशभर में लागू है और अगर इसके बाद केंद्र ने जब निर्णय लिया और लागू किया तो राज्य सरकार को अलग से निर्णय लेने की ज़रूरत नहीं हैं. केंद्र सरकार से मुलाकात कर इस जजमेंट पर चर्चा कर सकते हैं. केंद्र का जजमेंट पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. 

VIDEO: हिमाचल प्रदेश में कभी तीसरा दल नहीं चला : बोले CM जयराम ठाकुर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com