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This Article is From Jan 13, 2022

महाराष्ट्र में फरवरी के पहले सफ्ताह में कोरोना से अस्पतालों पर पड़ेगा बोझ : स्वास्थ्य विभाग

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक के दौरान कहा कि अगर ऑक्सीजन की मांग 700 मीट्रिक टन तक बढ़ जाती है, तो सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता होगी.

महाराष्ट्र में फरवरी के पहले सफ्ताह में कोरोना से अस्पतालों पर पड़ेगा बोझ  : स्वास्थ्य विभाग
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर बरती जा रही है सतर्कता
मुंबई:

कोरोना के मामले देश में बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र में जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान जताया जा रहा है. उक्त बातें राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कैबिनेट को बताई है. इस पर कैबिनेट ने चिंता जताई है.राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की दैनिक आवश्यकता में वृद्धि देखी गई है. वर्तमान में 400 मीट्रिक टन की डिमांड है.

वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक के दौरान कहा, "अगर ऑक्सीजन की मांग 700 मीट्रिक टन तक बढ़ जाती है, तो सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता होगी. इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को टीकाकरण में तेजी लानी चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए. 

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उन्होंने कहा कि पूरी तरह से वैक्सीन लगाए गए कोरोना रोगियों को मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि यूके और यूएस अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर दबाव देख रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र ने बुधवार को 46,723 ताजा कोरोनोवायरस मामले दर्ज किए, एक दिन पहले 12,299 संक्रमणों की छलांग और 32 ताजा मौतें दर्ज की गईं। नए मामलों में 86 ओमाइक्रोन संक्रमण शामिल हैं
 

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