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This Article is From May 12, 2016

आखिरकार महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सूखा घोषित किया

आखिरकार महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सूखा घोषित किया
फाइल फोटो : AFP
गर्मियों के आधे गुजर जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सूखा घोषित किया है। इस ऐलान को लेकर हाईकोर्ट ने बुधवार को ही सरकार से कड़ा सवाल पूछा था। इसके बाद राजस्व और वन विभाग ने ऐलान किया की अब महाराष्ट्र के 29 हजार 600 गावों में सूखा माना जाए। महज़ 2 लाइन के महत्वपूर्ण आदेश में सरकार ने परिस्थिति के बदलने की सूचना दे दी है। यह सरकारी आदेश 11 मई 2016 को पारित हुआ। इससे पहले हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि 'आखिर जब जब राज्य में पानी की भयंकर किल्लत है, तब भी सूखा घोषित क्यों नहीं हो रहा?ट

राज्य सरकार का दायित्व बढ़ा
अमूमन सरकारें 'सूखा' और 'सूखे जैसे हालात' इन सरकारी संज्ञाओं के आधार पर अपने फैसले लेती हैं। राज्य में सूखा घोषित करने के मार्गदर्शक तत्व अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं। मौजूदा आदेशों के चलते अब राज्य सरकार का सूखाग्रस्त इलाकों में दायित्व बढ़ जाता है जिसमें वित्तीय जिम्मेदारी अधिक होती है। प्रभावित लोगों को पानी, रोजगार, खाना मुहैया करवाने के साथ उनके जगह बदलने के खर्चे की जिम्मेदारी भी सरकार को उठानी होगी।

वैसे राज्य की बीजेपी सरकार ने 'सूखे जैसे हालात' इस संज्ञा के आधार पर इन तमाम गांवों में पहले ही केंद्रीय कृषि विभाग के मार्गदर्शक सूत्र के अनुसार योजनाएं लागू कर दी हैं। इनमें बिजली बिलों में सहूलियत, प्रभावित छात्रों की फीस माफ़ करना, टैंकर से पानी की आपूर्ति करना, ज़मीनी राजस्व वसूली में छूट जैसे कई फैसले शामिल हैं।

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