मुंबई:
डिजिटल लेनदेन पर केंद्र के जोर के बीच ठाणे जिले में धसई गांव महाराष्ट्र में पहला 'नकदी रहित गांव' (कैशलेस गांव) बन गया है. राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतिवार ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
गुरुवार से इस गांव में सभी भुगतान कार्ड के जरिये किए जा रहे हैं. व्यापारी, सब्जी और फल विक्रेता एवं अन्य वस्तु एवं सेवा प्रदाता धसई गांव में नकदी रहित लेनदेन के लिए स्वाइप मशीनों का उपयोग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर रोक लगाकर भ्रष्टाचार और आतंकी वित्त पोषण रोकने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. उन्होंने हमें एक सपना दिखाया है और उस दिशा में कदम उठाए हैं.'' ''इस दिशा में धसई इस राज्य में पहले नकदी रहित गांव के तौर पर उभरा है. महाराष्ट्र भी जल्द ही एक नकदी रहित राज्य बनेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुरुवार से इस गांव में सभी भुगतान कार्ड के जरिये किए जा रहे हैं. व्यापारी, सब्जी और फल विक्रेता एवं अन्य वस्तु एवं सेवा प्रदाता धसई गांव में नकदी रहित लेनदेन के लिए स्वाइप मशीनों का उपयोग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर रोक लगाकर भ्रष्टाचार और आतंकी वित्त पोषण रोकने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. उन्होंने हमें एक सपना दिखाया है और उस दिशा में कदम उठाए हैं.'' ''इस दिशा में धसई इस राज्य में पहले नकदी रहित गांव के तौर पर उभरा है. महाराष्ट्र भी जल्द ही एक नकदी रहित राज्य बनेगा.
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