Cashless Village
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सिर्फ नाम का रह गया मध्य प्रदेश का पहला कैशलेस गांव, अब सब कुछ नकदी में ही होता है लेन-देन
- Wednesday November 8, 2017
साल भर पहले मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 25 किलोमीटर दूर बड़झिरी राज्य का पहला कैशलेस गांव बना. राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने इसे आजादी के बाद दूसरी लड़ाई बताई लेकिन साल भर बाद गांव की तस्वीर जस की तस है. दुकानों में पीओएस मशीनें दुकानदारों ने महीनों पहले ही अंदर रख दी. गांव को बैंक ऑफ बड़ौदा ने गोद लिया था लेकिन गांव बिजली और इंटरनेट की तकलीफों से जूझ रहा है. गांव में 2000 ग्रामीणों के बैंक खाते खोलकर उन्हें डेबिट कार्ड दिये गये थे लेकिन कई लोगों ने इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया.
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महाराष्ट्र : देश के पहले कैशलेस गांव धसई में 'कैश' हो गया 'लेस'!
- Tuesday May 2, 2017
मुंबई से 150 किलोमीटर दूर, ठाणे का धसई गांव देश का पहला कैशलेस गांव बना, लेकिन 5 महीने बाद ही यहां बगैर कैश के काम चलाना मुश्किल हो गया है. लोगों की शिकायत है नेटवर्क के बगैर दुकानों में लगी मशीनें बेकार हैं और बैंकों से भी मदद नहीं मिल रही.
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प्लास्टिक के पैसों पर चलता ठाणे का धसई गांव
- Sunday December 4, 2016
देश की आर्थिक राजधानी भले ही कैश-लेस ना हो पाई हो, लेकिन मुंबई से लगभग 140 किलोमीटर दूर ठाणे जिले के धसई गांव लगभग पूरी तरह प्लास्टिक के पैसों से चलने लगा है. इस गांव में चाय से लेकर वड़ा-पाव तक कार्ड से खरीदा बेचा जा सकता है.
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महाराष्ट्र को मिला पहला 'कैशलेस गांव', कार्ड के जरिये हो रहा भुगतान
- Friday December 2, 2016
डिजिटल लेनदेन पर केंद्र के जोर के बीच ठाणे जिले में धसई गांव महाराष्ट्र में पहला 'नकदी रहित गांव' (कैशलेस गांव) बन गया है. राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंतिवार ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
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- Wednesday November 8, 2017
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मुंबई से 150 किलोमीटर दूर, ठाणे का धसई गांव देश का पहला कैशलेस गांव बना, लेकिन 5 महीने बाद ही यहां बगैर कैश के काम चलाना मुश्किल हो गया है. लोगों की शिकायत है नेटवर्क के बगैर दुकानों में लगी मशीनें बेकार हैं और बैंकों से भी मदद नहीं मिल रही.
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देश की आर्थिक राजधानी भले ही कैश-लेस ना हो पाई हो, लेकिन मुंबई से लगभग 140 किलोमीटर दूर ठाणे जिले के धसई गांव लगभग पूरी तरह प्लास्टिक के पैसों से चलने लगा है. इस गांव में चाय से लेकर वड़ा-पाव तक कार्ड से खरीदा बेचा जा सकता है.
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