खास बातें
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बीजेपी के पास विकल्प सीमित थे
- अजित ने कहा- कम समय में जरूरी विधायकों को साथ लेना संभव नहीं है
- सुप्रीम कोर्ट के कड़े फैसले ने बीजेपी का रास्ता बंद कर दिया था
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं. अगर पूरी प्रक्रिया की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णय के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी (BJP) के पास विकल्प सीमित थे. अजित पवार (Ajit Pawar) ने हाथ खड़े कर दिए थे और कहा था कि इतने कम समय में जरूरी विधायकों को साथ लेना संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में प्रोटेम स्पीकर की अध्यक्षता में विश्वास मत लेने को कहा गया जो आज तक कभी नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के कड़े फैसले ने बीजेपी का रास्ता बंद कर दिया था. अजित पवार ने भरोसा दिलाया था कि उनके पास बड़ी संख्या में विधायक हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी का सरकार बनाने का फैसला सही था, सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसका दावा बनता था. अजित पवार के समर्थन से जरूरी संख्या जुटाने का भरोसा था.