मुंबई:
महाराष्ट्र के लातूर में 50 साल के पुलिसकर्मी युनूस शेख को पीटे जाने का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डीजीपी और गृहराज्यमंत्री को खुद पानगांव जाने को कहा है। इस मामले में संबंधित थाने के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर का तबादला भी कर दिया गया है।
आरोप है कि शनिवार को कुछ लोगों ने शेख की पिटाई कर दी, उन्हें जबरन भगवा झंडा पकड़ा कर नारे लगाने को कहा। हालांकि युनूस के बेटे और पुलिस का कहना है कि मामला सांप्रदायिक नहीं है।
सोशल मीडिया में जो तस्वीरें वायरल हुईं उसमें दिख रहा है कि कैसे 50 साल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर युनूस शेख को भीड़ परेड करवा रही है, हाथों में भगवा थामने को मजबूर कर रही है। आरोप है कि एक दिन पहले शेख ने शिवाजी जयंती के मौके पर भीड़ से कुछ लोगों को पानगांव के संवदेनशील इलाके में भगवा फहराने से रोका था, अगले दिन नाराज भीड़ ने युनूस की पिटाई कर दी। हालांकि उनके बेटे ने कहा मामला सांप्रदायिक नहीं है।
युनूस शेख के बेटे फारूख ने कहा, "चूंकि वो पुलिस महकमे से हैं इसलिए उन्हें न्याय मिलना चाहिए, मुद्दे को सांप्रदायिक नहीं बनाना चाहिए क्योंकि जिस पर हमला हुआ वो किसी समुदाय को नहीं बल्कि पुलिस महकमे की नुमाइंदगी कर रहे थे।"
मामले में पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट पर सख्ती के संकेत दिये हैं। अपने ट्वीट में देवेन्द्र फडणवीस ने लिखा है, "मैंने डीजीपी और गृहराज्यमंत्री से लातूर के पानगांव जाने को कहा है। सरकार को लगता है कि ये किसी व्यक्ति नहीं बल्कि फोर्स पर हमला है, ऐसे हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
भीड़ ने शेख के साथ कांस्टेबल के.ए. अवस्कर को भी निशाना बनाया था, लेकिन वो भागने में कामयाब रहे। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक रेनापुर पुलिस स्टेशन को सूचना मिलते ही फोर्स भेजी गई, लेकिन फिलहाल वहां के सीनियर इंस्पेक्टर का कंट्रोल रूम में तबादला कर दिया गया है। इलाके के एसपी ध्यानेश्वर चव्हाण ने कहा, "पुलिस अधिकारियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता, सिर्फ वर्दी ही उनका धर्म है। दो पुलिसकर्मी वहां तैनात थे एएसआई शेख और आवस्कर दोनों चोटिल हुए हैं जिसपर हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं।"
इस मामले में सियासत शुरू हो गई है, विपक्ष सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है। कांग्रेस के नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा, "हम इस घटना की निंदा करते हैं, बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ऐसे हमले बढ़े हैं, काम पर तैनात पुलिसवाले पर हमला बेहद ग़लत है।" उधर एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, "एक पुलिस अधिकारी पर सांप्रदायिक ताकतों ने हमला किया। ये साबित करता है जब पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी का क्या होगा। हम चाहते हैं कि दोषियों को फौरन गिरफ्तार किया जाए।" पुलिस मामले में अभी भी मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी है।
आरोप है कि शनिवार को कुछ लोगों ने शेख की पिटाई कर दी, उन्हें जबरन भगवा झंडा पकड़ा कर नारे लगाने को कहा। हालांकि युनूस के बेटे और पुलिस का कहना है कि मामला सांप्रदायिक नहीं है।
सोशल मीडिया में जो तस्वीरें वायरल हुईं उसमें दिख रहा है कि कैसे 50 साल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर युनूस शेख को भीड़ परेड करवा रही है, हाथों में भगवा थामने को मजबूर कर रही है। आरोप है कि एक दिन पहले शेख ने शिवाजी जयंती के मौके पर भीड़ से कुछ लोगों को पानगांव के संवदेनशील इलाके में भगवा फहराने से रोका था, अगले दिन नाराज भीड़ ने युनूस की पिटाई कर दी। हालांकि उनके बेटे ने कहा मामला सांप्रदायिक नहीं है।
युनूस शेख के बेटे फारूख ने कहा, "चूंकि वो पुलिस महकमे से हैं इसलिए उन्हें न्याय मिलना चाहिए, मुद्दे को सांप्रदायिक नहीं बनाना चाहिए क्योंकि जिस पर हमला हुआ वो किसी समुदाय को नहीं बल्कि पुलिस महकमे की नुमाइंदगी कर रहे थे।"
मामले में पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट पर सख्ती के संकेत दिये हैं। अपने ट्वीट में देवेन्द्र फडणवीस ने लिखा है, "मैंने डीजीपी और गृहराज्यमंत्री से लातूर के पानगांव जाने को कहा है। सरकार को लगता है कि ये किसी व्यक्ति नहीं बल्कि फोर्स पर हमला है, ऐसे हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
Have told DG & MoS home to visit Pangaon in Latur. Govt feels that it is not an attack on individual but on force, won't tolerate such act.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) February 24, 2016
भीड़ ने शेख के साथ कांस्टेबल के.ए. अवस्कर को भी निशाना बनाया था, लेकिन वो भागने में कामयाब रहे। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक रेनापुर पुलिस स्टेशन को सूचना मिलते ही फोर्स भेजी गई, लेकिन फिलहाल वहां के सीनियर इंस्पेक्टर का कंट्रोल रूम में तबादला कर दिया गया है। इलाके के एसपी ध्यानेश्वर चव्हाण ने कहा, "पुलिस अधिकारियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता, सिर्फ वर्दी ही उनका धर्म है। दो पुलिसकर्मी वहां तैनात थे एएसआई शेख और आवस्कर दोनों चोटिल हुए हैं जिसपर हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं।"
इस मामले में सियासत शुरू हो गई है, विपक्ष सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है। कांग्रेस के नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा, "हम इस घटना की निंदा करते हैं, बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ऐसे हमले बढ़े हैं, काम पर तैनात पुलिसवाले पर हमला बेहद ग़लत है।" उधर एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, "एक पुलिस अधिकारी पर सांप्रदायिक ताकतों ने हमला किया। ये साबित करता है जब पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी का क्या होगा। हम चाहते हैं कि दोषियों को फौरन गिरफ्तार किया जाए।" पुलिस मामले में अभी भी मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी है।
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